बिहपुर: सोमवार रात आए चक्रवात ने पूरे इलाके में दहशत का माहौल पैदा कर दिया। तेज हवाओं और बारिश ने तटबंध के नीचे पानी भरने के साथ-साथ गंगा का पानी भी खतरे के निशान के करीब पहुंच गया। तटबंध टूटने की आशंका से स्थानीय लोगों में रातभर भय व्याप्त रहा।
ग्रामीणों ने बताया कि तटबंध की सुरक्षा के लिए मजदूरों और स्थानीय निवासियों ने मिलकर तुफानी बारिश और हवा के बावजूद कड़ी मेहनत की। कई ग्रामीणों का कहना था कि अगर आंधी कुछ और देर चलती, तो तटबंध का टूटना निश्चित था।
मंगलवार की सुबह, नरकटिया से नन्हकार तक तटबंध के किनारे लगे सैकड़ों पेड़ उखड़ने से तटबंध को नुकसान हुआ। इसके बाद विभाग के अधिकारी क्षतिग्रस्त हिस्सों की मरम्मत के लिए युद्धस्तर पर जुट गए। नवगछिया एसडीओ, बिहपुर प्रखंड विकास पदाधिकारी और अंचलाधिकारी ने तटबंध का निरीक्षण किया और अभियंताओं को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
विभागीय कर्मी दिन-रात तटबंध को सुरक्षित रखने के लिए बालू भरे बोरे लगाने में जुटे हुए हैं, जबकि बड़ी संख्या में ग्रामीण तटबंध की निगरानी के लिए रतजगा कर रहे हैं। सभी का लक्ष्य तटबंध को सुरक्षित रखना और संभावित खतरे से क्षेत्र को बचाना है।