नवगछिया में नवदा में पिछले चार दिनों चल रहा धार्मिक अनुष्ठान कलश विसर्जन के साथ शुक्रवार को संपन्न हो गया। चारों दिनों तक श्रीशिवशक्ति योगपीठ नवगछिया के पीठाधीश्वर और श्री उत्तरतोताद्रि मठ विभीषणकुंड अयोध्या के उत्तराधिकारी श्री रामचंद्राचार्य परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज के मागदर्शन में सभी कार्यक्रम संपन्न हुए। नवादा स्थित पंचमुखी बालाजी धाम में पंचमुखी हनुमान की पूजा हुई। इससी मंदिर के प्रथम में भगवान राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान व अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमा स्थापित की गई। स्वामी आगमानंद जी सहित अन्य पंडितों के वैदिक मंत्रोच्चार के साथ प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की गई।
जिस समय भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा हो रही थी, उस समय ऐसे लग रहा था कि संपूर्ण नवगछिया व नवादा अयोध्या बन गया हो। काफी संख्या में लोग वहां पहुंचे थे। पंचमुखी बालाजी धाम का स्वरूप राम मंदिर जैसा प्रतीत हो रहा था। स्वामी आगमानंद महाराज सभी को आशीर्वाद दे रहे थे। माधवानंद ठाकुर सहित अन्य कलाकरों ने भक्ति संगीत का ऐसा समां बाधा की, सभी अभिभूत हो गए। इस अवसर पर पूर्णिया जिप अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, प्रेम सागर डब्ल्यू, प्रो. ज्योतिद्र प्रसाद चौधरी, गीतकार राजकुमार, शिव प्रमानंद भाई जी, स्वामी मानवानंद, कुंदन बाबा, प्रेम शंकर भारती, मनोरंजन प्रसाद सिंह रामबालक भाई, सुमन सौरभ सोनूआदि मौजूद थे। स्वामी आगमानंद जी महाराज ने कहा कि राम नाम के स्मरण मात्र से लोग भवसागर पार कर जाते। राम से ज्यादा प्रभावी राम का नाम है।
उन्होंने राम नाम की महिमा कई प्रसंगों के माध्यम से लोगों को सुनाया। साथ ही लोगों को यह भी संदेश दिया हिंदू धर्म और सनातन के प्रति सभी समर्पित हो जाएं। सनातन धर्म ही सभी का सार है। जीवन जीने का मार्ग है।भारत विश्वगुरु इसलिए है, क्योंकि यहां राम राज्य है। उन्होंने नवादा में राम दरबार की प्रतिमा स्थापित होने पर गर्व की बात कही। गीतकार राजकुमार ने अपनी स्वरचित कविता को सुनाकर लोगों को आह्लादित कर दिया। पुनित नवादा ग्राम को, नत हो करूँ प्रणाम। क्योंकि रमे हैं ग्राम में, स्वयं राममय ‘राम’।। ‘राज’ राममय ‘राम’ ही, हैं हरि के प्रिय छंद। नगरह में हो अवतरित, हुये ‘आगमानंद’।। उन्होंने कहा कि सिर्फ अंग प्रदेश ही नहीं अपितु देश एवं विदेश भी सनातन धर्म एवं संस्कृति के संवाहक संतशिरोमणि परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज जैसे सिद्ध एवं समर्थ संत को पाकर गौरवान्वित है।