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8-9 मेगा वाट की जगह मिल रही 1-2 मेगा वाट हीं बिजली.

लगातार चार दिनों से शाम पांच बजे के बाद करीब सात बजे तक मधेपुरा जिले के चौसा विद्युत सबस्टेशन से भटगामा फीडर होकर हो रहे बिजली सप्लाई की आंख मिचौली से कदवा व ढोलबज्जा इलाके की नल-जल योजना बंद रह जाती है. जिससे नल-जल उपभोक्ताओं को समय पर शुद्ध पेयजल नहीं मिल पाने से काफी परेशानियां का सामना करना पड़ रहा है. उक्त बातों को लेकर जब चौसा जेईई से बात की गई तो उन्होंने बताया कि- जैसे-जैसे थ्रो चैनल है, उस आधार पर एक जगह से दुसरे जगह बिजली जाती है. बीच में अन्य काम भी है रूकने का. जब यहां बिजली रहती है तो मिलती है, यहां नहीं रहती है तो, वहां नहीं मिलती है.

बहुत बार यहां भी नहीं रहती है. यही सब दिक्कत न है. जब उनसे लगातार चार दिनों तक शाम पांच बजे के बाद भटगामा फीडर की बिजली बंद होने का हवाला दिया गया तो, उसने बोला कि मेरे पॉवर हाउस का भी दिन में दस बार बिजली कटता है. बिजली कोई स्टोर करने की चीज नहीं है जो दिया जायेगा. जब उनसे पूछा गया कि क्या आपका उस समय 33 हजार की आपूर्ति भी बंद रहती है तो, उसने गंभीरता पूर्वक यह बताने लगे की लोड सेटिंग में एक-दो मेगा वाट दिया जाता है. जो बारी-बारी से जितना फीडर है- करीब एग्रीकल्चर समेत 12-15 फीडर है.

सबको दिया जाता है. खपत है 8-9 मेगा वाट का, दिया जा रहा है 1-2 मेगा वाट हीं. इसलिए सबका न काटा जायेगा. उसने यह भी बताने लगे कि सुबह रहे की शाम सबको शाम को हीं ज्यादा बिजली की जरूरत है तो, काटा जायेगा शाम को हीं ना. हम कोई पीएसएस नहीं, ज्यादा पूछना हो तो पीएसएस से पूछा जाय. हम कोई जादूगर नहीं जो बिशेष बता सकें। नलजल योजना बंद रहे या चालू हमको उससे क्या मतलब। मैं अपने वरीय पदाधिकारी के निर्देश पर नियम के अनुसार काम कर रहा हूं.

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