छठ के मौके पर बाजार में मिट्टी के चूल्हे की बिक्री खूब हो रही है, इस बार भागलपुर में मिट्टी के चूल्हे 251 रुपये से लेकर 800 रुपये तक के चूल्हे की बिक्री हो रही है। दरअसल परंपरा के अनुसार छठ पूजा में मिट्टी चूल्हा पर प्रसाद बनाने का महत्व है, छठ के खरना पूजा के लिए प्रसाद तैयार करने के लिए सभी छठव्रती मिट्टी के चूल्हे को उपयोग में लाती है, शुद्धता को लेकर छठ में मिट्टी के चूल्हे का बड़ा महत्व होता है,
घर की सफाई के साथ-साथ ग्रामीण महिलाएं छठ का प्रसाद बनाने के लिए मिट्टी के चूल्हे का निर्माण करती हैं या फिर बाजार से बनी बनाई मिट्टी के चूल्हे की भी खरीदारी करती हैं। 4 दिनों तक चलने वाले इस महापर्व पर हर एक दिन प्रसाद में कुछ खास बनाने का रिवाज है, पहले कद्दू भाग से खरना में रसिया फिर ठेकुआ लडुआ बनाए जाते हैं छठ के दूसरे दिन जिसे कहा जाता है घरों में प्रसाद के लिए छठ व्रती रसिया बनाती हैं खीर बनाने के लिए आम की.
लकड़ी और मिट्टी के चूल्हे का उपयोग करते हैं ऐसा माना जाता है कि जिस चूल्हे पर खाना बन चुका हो उस पर छठ पूजा का प्रसाद नहीं बनाना चाहिए हम यह कह सकते हैं कि छठ पूजा के लिए नया चूल्हा होना चाहिए इन सब के पीछे जो मुख्य कारण है वह है पवित्रता अधिकांश गांवों में आज भी खरना का प्रसाद मिट्टी के चूल्हे पर ही बनाया जाता है मिट्टी के चूल्हे में प्रसाद का स्वाद अनूठा होता है ।