@ दिल्ली यूनिवर्सिटी के फैकल्टी ऑफ आर्ट्स में PhD के लिए हुआ चयन।
प्रदीप विद्रोही
भागलपुर।
टीएमबीयू स्नातकोत्तर गांधी विचार विभाग की छात्रा रही गुंजन कुमारी ने एक बार फिर विभाग का नाम रौशन किया है। गुंजन का चयन दिल्ली यूनिवर्सिटी के फैकल्टी ऑफ आर्ट्स के डिपार्टमेंट ऑफ बुद्धिस्ट स्टडीज में रिसर्च के लिए हुआ है। उस डिपार्टमेंट को UGC द्वारा सेंटर फॉर एडवांस्ड स्टडीज का दर्जा मिला है।
वहां वह भगवान बुद्ध और महात्मा गांधी के नैतिक मूल्यों से संबंधित इंटरडिसिप्लिनरी स्टडी करने वाली हैं। INFLIBNET डेटाबेस के अनुसार दिल्ली यूनिवर्सिटी में इस टॉपिक पर रिसर्च करने वाली वह पहली रिसर्च स्कॉलर होगी। दिल्ली यूनिवर्सिटी IITs और IISc के साथ भारत सरकार के इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस की सूची में शामिल है।
अपने रिसर्च के स्कोप के बारे में बात करते हुए गुंजन बताती हैं कि यह रिसर्च आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, ग्लोबल पॉलिटिकल क्राइसिस, एनवायरमेंटल चेंज जैसी समकालीन चुनौतियों के दौर में सोशल और इंडिविजुअल एथिक्स और वैल्यू सिस्टम की पुनर्व्याख्या करने की कोशिश करेगी। पर्सनल और पब्लिक लाइफ में बुद्ध और गांधी का मिश्रित मोरल कोड ऑफ कंडक्ट कई चुनौतियों को कम करने में मददगार हो सकता है। दिल्ली यूनिवर्सिटी से अपनी रिसर्च पूरी करने के बाद गुंजन पोस्ट डॉक्टोरल फैलो के तौर पर ऑक्सफोर्ड या कैंब्रिज जाना चाहती है।
इससे पहले गुंजन का चयन सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ गुजरात में भी हो चुका था। उसे स्नातकोत्तर गांधी विचार विभाग में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने पर तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में बिहार के राज्यपाल और विवि के कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर और केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के हाथों गोल्ड मेडल भी मिल चुका है।
गुंजन ने भारत सरकार के नेशनल आर्काइव्ज ऑफ इंडिया के स्कूल ऑफ आर्काइवल स्टडीज से आर्काइव्स मैनेजमेंट से संबंधित प्रोफेशनल प्रशिक्षण भी लिया है। उसने UGC-NET क्वालीफाई कर असिस्टेंट प्रोफेसर बनने की पात्रता भी हासिल की है।
गुंजन मानती है कि उसके इस मुकाम तक पहुंचने में उसके घर वालों के अलावे भागलपुर की प्रतिष्ठित समाजसेवी और लेखिका डॉ. सुजाता चौधरी जी का बड़ा योगदान है, जिनके प्रोत्साहन और समर्थन ने हर परिस्थिति में बहुत संबल दिया। वह अपनी उपलब्धि का श्रेय विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अमित रंजन और पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. विजय कुमार के साथ–साथ सभी प्राध्यापकों को देती है।
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गांव की पगडंडी से निकली गुंजन बचपन से मेघावी
पूर्णियां के टीकापट्टी थाना क्षेत्र के छोटे से गांव बैरिया की रहने वाली गुंजन की राह आसान नहीं रही है। गुंजन के पिता मनोज यादव किसान हैं और माता संजू देवी गृहणी हैं। पांच भाई-बहनों में गुंजन तीसरे नंबर पर है। अपने गांव के ही सरकारी स्कूल से अपनी प्रारंभिक पढ़ाई के बाद उसने रूपौली के प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय से मैट्रिक और रामपरी युगेश्वर इंटर कॉलेज कुरसेला से इंटरमीडिएट की
परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास की। उसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए वह अपनी बड़ी बहन प्रियंका कुमारी के पास भागलपुर चली आई। उसने अपना ग्रेजुएशन और पोस्ट-ग्रेजुएशन भागलपुर से ही किया है।गुंजन के हौसले को मां संजू देवी सहित पूरे परिवार का समर्थन हासिल है। वे अपने वार्ड की पंच रह चुकी हैं।