बिहार में कोरोना संकट के बीच विधानसभा चुनाव को लेकर हो रहे सुगबुगाहट के बीच लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के चिराग ने बड़ा सियासी बयान दिया है। बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट का नारा देने वाले चिराग ने कहा कि उनकी पार्टी आगामी विधान सभा चुनाव में प्रदेश के सभी 243 विधानसभा सीटों पर लड़ने के लिए 100 फीसदी तैयार है।
प्रदेश में कोरोना संकट और बाढ़ के कहर के बीच बिहार विधानसभा चुनाव के सवाल पर चिराग पासवान ने फिर कहा कि अभी बिहार में चुनाव कराने का वक्त नहीं है, लिहाजा चुनाव टाल देना चाहिए। हालांकि उन्होंने दोहराया कि चुनाव कराने का फैसला चुनाव आयोग को लेना है, लेकिन मौजूदा परिस्थिति ऐसी नहीं है कि बिहार में चुनाव कराए जा सकें।
कहा कि इस संबंध में उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात की है और उन्हें स्पष्ट रूप से बता दिया है कि बिहार अभी चुनाव के लिए तैयार नहीं है। वर्चुअल रैली के सवाल पर चिराग पासवान ने कहा कि बिहार के सभी समाज के बीच वर्चुअल रैली के जरिए नहीं पहुंचा जा सकता है। खासकर समाज का पिछड़ा वर्ग अभी तकनीक से दूर है।
एनडीए को कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाना चाहिए
लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि एनडीए की तीन पार्टियां अगर एक साथ चुनाव लड़ने जा रही हैं तो एजेंडा भी तीनों का होगा। बिहार में अब किसी एक व्यक्ति का एजेंडा नहीं चलने वाला है। एनडीए को मिल बैठकर एक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाना होगा। वह भी चुनाव से पहले। उन्होंने कहा कि अभी ये तय नहीं हुआ तो चुनाव के बाद तो तय ही नहीं होगा। उन्होंने कहा कि बिहार में एनडीए या ऐसे किसी गठबंधन की सरकार बनेगी जिसमें लोजपा शामिल होगी तो कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के आधार पर बनेगी और चलेगी।
बाढ़ और कोरोना संकट पर नीतीश सरकार पर हमलावर, उठाए सवाल
वहीं चिराग पासवान एक बार फिर कोरोना संकट और बाढ़ को लेकर नीतीश सरकार को कटघड़े में खड़ा किया। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि नीतीश कुमार कोरोना संक्रमण और बाढ़ के मामले से निपटने में फेल रहे हैं। कहा कि कोरोना मामले में टेस्टिंग के बाद कुछ नहीं किया गया है। क्वारंटीन सेंटर से भयावह रिपोर्ट्स आ रही हैं।
एक दिन भी ऐसा नहीं होता जिस दिन बिहार के अस्पतालों की खराब तस्वीरें सामने न आएं। वहीं उन्होंने बिहार में बाढ़ को लेकर कहा कि हम हर साल ऐसी ही तस्वीर देखते हैं। नीतीश कुमार 15 साल से सत्ता पर हैं उन्हें अच्छा खासा अनुभव भी है। इसके बावजूद क्या बदलाव आया? मैंने बार-बार बिहार की नदियों को आपस में जोड़ने के लिए पत्र लिखा है, जिसे अमल में लाना चाहिए था। अगले साल भी बाढ़ के ऐसे ही हालात रहेंगे।