पूरे प्रदेश के आइसोलेशन सेंटर में सुविधा ठीक नहीं है। रैपिड एंटीजन के माध्यम सूबे में 65000 लोगों की जांच प्रतिदिन हो रही है जो सटीक नहीं है। उन्होंने एंटीजन के जांच पर ही सवाल खड़ा कर दिया। कहा कि जिस व्यक्ति को एंटीजन जांच में निगेटिव बता दिया जाता है वही व्यक्ति अगर आरटी पीसीआर से अपनी जांच करवाता है तो पॉजिटिव पाया जाता है। आरटी पीसीआर विश्वसनीय जांच व्यवस्था है जो पूरे सूबे में प्रतिदिन मात्र 6100 की हो रही है। यह बात जमुई प्रवास के दौरान स्थानीय सांसद सह लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने कही।
लोजपा सांसद ने कि उन्हें जदयू से न ही दूरी और न ही नजदीकी बनाने का शौक है। वे बिहार के मामलों पर बिहारी होने के नाते अपनी जिम्मेदारी समझते हुए बार-बार सवाल उठा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आइसोलेशन सेंटर में रह रहे लोगों से जब जानकारी ली जाती है तो उनका कहना होता है कि जांच ही नहीं हुई है। कहीं मोबाइल नंबर ही गलत बता दिया जाता है, तो कहीं कहा जाता है कि स्वास्थ विभाग के किसी भी अधिकारी या कर्मचारी ने हाल नहीं जाना है।
पत्रकारों के सवाल पर सांसद चिराग ने बताया कि उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जमुई के डीएम से टेस्टिंग कितनी और कैसे हो रही है इसकी जानकारी ली थी। उन्होंने कहा कि 11 अगस्त को माननीय प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा था कि बिहार में टेस्टिंग कम हो रही है, जिसे बढ़ाया जाना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि बाढ़ और कोरोना के बावजूद राज्य सरकार चुनाव कराने को तैयार है तो हमें नहीं लगता है कि यहां किसी संसाधन की कमी होगी। उन्होंने यह भी कहा कि अगर एंटीजन से जांच कराने वाले लोग भीड़ में दो-चार भी होंगे तो निश्चित रूप से संक्रमण बढ़ेगा। बिहार में यही विस्फोट हो रहा है।
90 फीसद जांच बिहार में एंटीजन के माध्यम से ही हो रही है जो सटीक नहीं है। उन्होंने कहा कि इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के सचिव से भी बात की है। उन्होंने कहा जमुई ही नहीं पूरे प्रदेश की स्थिति चिंताजनक है। सांसद चिराग ने यह भी कहा कि अन्य जिलों से जानकारी लेकर वे मुख्यमंत्री को जानकारी देंगे। बिहार में स्थिति को बेहतर बनाने की जरूरत है।