बिहार विधानसभा चुनाव को कोरोना महामारी फैलने के कारण फिलहाल स्थगित करने के लिए पटना हाईकोर्ट में दायर लोकहित याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल तथा न्यायमूर्ति एस कुमार की खण्डपीठ ने बद्री नारायण सिंह तथा अधिवक्ता जयवर्धन नारायण की ओर से दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई के बाद उसे खारिज़ कर दिया।
इसके पूर्व निर्वाचन आयोग की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ प्रसाद ने कोर्ट को बताया कि इस प्रकार की अर्जी सुनवाई योग्य नहीं है। उन्होंने अर्जी की वैधता पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि बिहार विधानसभा के चुनाव पर रोक लगाने के लिए दायर एक मामला सुप्रीम कोर्ट पहले ही खारिज कर चुका है। इसलिए विधानसभा चुनाव को स्थगित करने या टालने संबंधित मामले की सुनवाई कानूनन सही नहीं है। कोर्ट ने निर्वाचन आयोग की दलील को मंज़ूर करते हुए अर्जी को खारिज कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट में बिहार चुनाव टालने की मांग को लेकर याचिका
उधर बिहार में विधानसभा चुनाव टालने की मांग को लेकर राष्ट्रवादी जनता पार्टी ने उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दाखिल की है। याचिका मे कहा गया है कि देश में कोरोना के केस बहुत ज्यादा उफान पर हैं। साथ ही बिहार में बाढ़ भी आई हुई है। ऐसे में अक्तूबर- नवंबर में होने वाले चुनावों को टाला जाए। याचिका पंजीकृत राजनीतिक दल राष्ट्रवादी जनता पार्टी ने अपने अध्यक्ष अनिल भारती के माध्यम से दायर की है।
उच्चतम न्यायालय इससे पहले 28 अगस्त को इसी तरह की एक अन्य जनहित याचिका खारिज कर चुका है। अब नई याचिका में राज्य में विधानसभा चुनाव मार्च, 2021 में कराने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। याचिका में निर्वाचन आयोग के साथ ही केंद्रीय गृह मंत्रालय, राज्य सरकार और राज्य चुनाव आयोग को प्रतिवादी बनाया गया है