विधानसभा चुनाव के पूर्व सभी विस क्षेत्रों में कमजोर वर्ग के लोगों की पहचान की जाएगी। संवेदनशील इलाकों को चिन्हित कर मानचित्र बनाया जाएगा। ताकि उन इलाकों के मतदाताओं को चुनाव के दौरान सुरक्षा प्रदान की जा सके।
चुनाव आयोग के विशेषज्ञों ने सोमवार को चुनाव को लेकर कमजोर मतदाताओं की पहचान किए जाने संबंधी जानकारी सभी जिलों के जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी को प्रशिक्षण के दौरान दी। आयोग के तत्वावधान में सोमवार से दो दिनी उच्च स्तरीय ऑनलाइन प्रशिक्षण शुरू हुआ। इसमें राज्य के सभी जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी, निर्वाची पदाधिकारी व उप निर्वाचन पदाधिकारी शामिल हुए। प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोग की अधिकृत एजेंसी ट्रिपल आई डी के द्वारा माइक्रोसॉफ्ट के माध्यम से संचालित की गयी।
निष्पक्ष मतदान के लिए सख्त निगरानी होगी
प्रशिक्षण के दौरान विशेषज्ञों ने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन को रोकने के लिए त्वरित कार्रवाई करने पर जोर दिया। विशेषज्ञों ने बताया कि आचार संहिता चुनाव की घोषणा के साथ ही प्रदेश में लागू हो जाएगी। इसलिए शांतिपूर्ण व निष्पक्ष मतदान केलिए सख्त निगरानी रखनी होगी। चुनाव आयोग के प्रधान सचिव सुमित मुखर्जी, सचिव व अन्य प्रमुख अधिकारी मौजूद थे।
ताकि कोई प्रलोभन न दे
आयोग के सूत्रों के अनुसार विशेषज्ञों ने कहा कि बूथवार संवेदनशील निर्वाचक (कमजोर मतदाता) को चिन्हित कर संवेदनशील इलाके का मानचित्र बनाएं, ताकि ऐसे मतदाताओं को किसी भी प्रत्याशी अथवा दल के द्वारा पैसे देकर या डरा-धमका कर पक्ष में मतदान के लिए दबाव नहीं बनाया जा सके।
निर्देशों का पालन हर स्तर पर किया जाए
विशेषज्ञों ने प्रशिक्षण के दौरान बताया कि चुनाव आयोग ने कोविड 19 को लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किया है। इसका प्रत्येक स्तर पर पालन किया जाए। ईवीएम की जांच, स्ट्रांग रूम में रखे जाने और मतदान केंद्र पर लाने तथा मतदान के दौरान कोरोना को लेकर जारी सभी सुरक्षा मानकों का पालन किया जाए।