भागलपुर : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महागठबंधन सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट जातिगत जनगणना का आंकड़ा आज 2 अक्टूबर गांधी जयंती के अवसर पर सामने आ गया है, जाति आधारित जनगणना में बिहार सरकार की ओर से कुल 214 जातियों के आंकड़े जारी किए गए हैं इसमें कुछ ऐसी जाती भी है जिसकी कुल आबादी 100 से भी कम है, पूरे बिहार राज्य की आबादी 13,07,25,310 है जिसमें महिलाओं की संख्या 6 करोड़ 11 लाख है वहीं पुरुषों की कुल संख्या चार करोड़ 41 लाख है वही सर्वेक्षण परिवारों की संख्या 2,83,44,107 है, इस जाति आधारित जनगणना के आंकड़े जारी होते ही कुछ समुदायों के लोगों के.
बीच नाराजगी भी देखी गई , इसको लेकर कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने जाति जनगणना के प्रकाशित आंकड़े पर कहा कि जाति जनगणना सबसे पहले बिहार में किया गया है यह बड़ी खुशी की बात है और अभी जो लोग सवाल उठा रहे हैं उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है ,अभी जाति जनगणना सार्वजनिक रिलीज हुआ है इसमें अगर किसी तरह की त्रुटि है तो इसे जल्द दुरुस्त किया जाएगा,
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस पर जल्द विचार करेंगे ,जाति जनगणना बहुत अच्छी बात है पूरे देश में इसे कराया जाए, वही प्रधानमंत्री से भी मेरा आग्रह है कि पूरे देश में जाति जनगणना कराए तभी आरक्षण के नीति को लागू करें सिर्फ बिल पास करने से कुछ नहीं होने वाला, अगर किसी जाति के गणना में कुछ सुधार की जरूरत है तो उसे जल्द से जल्द किया जाएगा, इसमें किसी तरह की हड़बड़ी की बात नहीं है जाति जनगणना से यह पता चलता है कि किस जाति के कितने लोग हैं कितने गरीब हैं कितने अमीर हैं उसके हिसाब से सभी जातियों को आरक्षण मिलेगा, यह देश हित के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा .