5
(1)

बिहार में जल जीवन हरियाली का मिशन है। सदियों से बर और पीपल पेड़ के पूजा की परंपरा रही है। फिर भी अगर इंसान के सांस में ऑक्सीजन की कमी हो गई और उनकी मौत होने लगी, तो वह बड़ी चुनौती है।

खासकर शहरी आबादी जो कंक्रीट के जंगलों यानी बड़े बड़े मकानों में रहते हैं और रह बसर का शौक रख रहे हैं, उनके बीच से कोरोनाकाल में मौत की ख़बर बेचैन करने वाली है।

लेकिन वहां भी एक उपाय है जो, घर के अंदर की आवोहवा में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाता है। रिपोर्ट नासा की है। बात भागलपुर से है। बोस पार्क के वाटिका फ्लॉवर से है।

भागलपुर के पुष्प मित्र की तरफ से है। पिछले तीन दशकों से चंद्रशेखर सिंह अपने वाटिका फ्लॉवर बाग़ान से सैकड़ों वैसे ऑक्सीजन जेनरेटिंग पौधों को जागरूक लोगों के बीच बाँट रहे हैं।

खासकर सेन्सीवेरिया, एरिका पाम, पीस लीली, पोथस (मनी प्लांट) जैसे पौधे की अहमियत कोरोनाकाल में ज्यादा फायदेमंद है, जो सुकून के साथ सांस में ऑक्सीजन भी देता है।

Aapko Yah News Kaise Laga.

Click on a star to rate it!

Average rating 5 / 5. Vote count: 1

No votes so far! Be the first to rate this post.

Share: