नवगछिया में कोरोना संक्रमण में लगातार वृद्धि जारी है। नवगछिया शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जिस तरह से कोविड के एक्टिव केसों की संख्या में इजाफा हो रहा है ऐसी स्थिति बनी रही तो हालात बेकाबू होने की संभावना से इंकार भी नहीं किया जा सकता है। हालांकि कोविड मरीजों की रिकवरी भी तेजी से हो रही है। लेकिन शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों के कई लोग कोविड के शिकार होकर इलाज के अभाव में अपनी जान भी गंवा चुके हैं।
अनुमंडल के डेढ़ दर्जन से अधिक लोगो की जान कोरोना संक्रमण के कारण जा चुकी है। इस परिस्थिति में नवगछिया अनुमंडल में कोरोना को लेकर सरकार स्तर से तैयार की स्वास्थ्य व्यवस्था के हालात भी काफी दयनीय है। कोरोना संक्रमण को लेकर नवगछिया अनुमंडल अस्पताल सहित सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर लोगो का कोविड जांच, रिपोर्ट पोजेटिव आने दवाई का एक किट उपलब्ध करवाया जाता है। इसके बाद अगर किसी मरीज की स्थिति गंभीर होती है तो उसे एम्बुलेंस से मायागंज अस्पताल रेफर कर दिया जाता है। वर्तमान में लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर सिर्फ यही उपलब्ध हो पा रहा है। कोरोना को लेकर नवगछिया अनुमंडल अस्पताल में 30 बेड का कोविड केयर सेंटर भी स्थापित किया गया है।
लेकिन यहां कोविड केयर सेंटर का मरीजो को लाभ नहीं मिल पा रहा है। कोविड केयर सेंटर में मरीजों की देखभाल करने का निर्देश स्वास्थ्य विभाग के वरीय अधिकारियों द्वारा अस्पताल प्रबंधन को दिया गया है। लेकिन अस्पताल में कोविड मरीज जान गंभीर स्थिति में आते हैं तो मरीजों को भर्ती लेकर इलाज करने के बजाय रेफर कर दिया जाता है। इस परिस्थिति में इलाज नहीं होने एवं समुचित ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण मरीज अपनी जान भी गवा रहे हैं।
अनुमंडल अस्पताल से रेफर हुए पांच मरीज जिसकी मौत मायागंज अस्पताल में भर्ती होने की प्रक्रिया पूरी करते करते हो गई है।
- ऑक्सीजन सुविधा भी नही हो पाती है उपलब्ध
अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजो को अस्पताल में ऑक्सीजन की सुविधा भी उपलब्ध नहीं हो पाती है। कोरोना में अपने पिता को खोने वाले अधिवक्ता रमण कुमार बताते है कि अनुमंडल अस्पताल में इलाज के लिए अपने पिता दिवंगत अधिवक्ता रामजी मिश्रा को लेकर गए थे। वहां पर पहले उनका ऑक्सिमिटर से ऑक्सीजन लेवल जांच किया जा रहा था।
लेकिन ऑक्सीजन लेवल उनका कभी 46 तो कभी 96 बताता था। अंततः यह स्पष्ट नही हो पाया कि उनका ऑक्सीजन लेवल कितना है। इसके बाद सदर अस्पताल रेफर किया गया। जिस एम्बुलेंस से रेफर किया गया उसमें रखे ऑक्सीजन सिलेंडर में उतना ही ऑक्सीजन था कि वे भागलपुर भी नहीं पहुच पाए।
वार्ड पार्षद प्रमोद यादव ने कहा कि अस्पताल में कोविड केयर सेंटर में मरीजों को सुविधा नहीं मिल रही है। इलाज के अभाव में एक वृद्ध महिला की जान चली गई। अपने पिता को खोने वाले चेतन कहते है कि अनुमंडल अस्पताल में अगर गंभीर मरीजों के इलाज के लिए फस्ट टिर्टमेंट की भी सुविधा होती तो मेरे पिता की जान नहीं जाती।
- अस्पताल में एक्स रे एवं सिटीएस्केन की नहीं है व्यवस्था
अनुमंडल अस्पताल में कोविड मरीजो का समुचित इलाज हो सके इसको लेकर सुविधाओं का भी अभाव है। अस्पताल में न तो एक्स रे की सुविधा है न ही सिटीएस्केन की व्यवस्था है। सुविधाओं के आभाव भी मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही है। कोरोना की स्थिति को देखते हुए शहर के लोगो ने अनुमंडल अस्पताल में सिटीएस्केन एवं एक्सरे की व्यवस्था करने की मांग की है ताकि लोगो को स्वास्थ्य लाभ मिल सके।
- गंभीर मरीज ही किए जाते है रेफर
नवगछिया अनुमंडल अस्पताल उपाधीक्षक डॉ अरुण कुमार सिन्हा ने कहा कि कोविड मरीजों को अस्पताल में इलाज की जो सुविधा उपलब्ध है उसे मुहैया कराया जाता है। जिन मरीजों की स्थिति गंभीर होती है वैसे मरीजों को ही रेफर किया जाता है।