कोविड 19 की तीसरी लहर ओमीक्रोन कि आहट के पहले महंगे एम्बुलेंस से बचने और मरीज को बचाने की की कवायद भागलपुर से शुरू हो गई है। टोटो जैसे ई रिक्शा को ईको फ्रेंडली एम्बुलेंस के रूप में ईजाद किया गया है। उसके अंदर वेंटिलेटर, ऑक्सीजन, बाई पैप, सिरिंज पम्प और न्यूबिलाइजर जैसी लाइफ सपोर्ट सुविधाएं मौजूद की गई है। टोटो की डिजाइन अलग तरीके से किया गया है। 40 किलोमीटर के दायरे में कहीं भी गंभीर मरीज के इलाज के लिए आना जाना संभव है।
पेशे से डॉक्टर और इंजीनियरिंग ब्रेन वाले डॉक्टर इम्तियाजुर रहमान और डॉक्टर इमराना रहमान ने अपने ऑरेंज हॉस्पिटल इंजीनियरिंग कंसल्टेंसी की मदद से सोलो ई रिक्शा एम्बुलेंस तैयार किया है। फिलहाल लागत लगभग 3 लाख की है।
कोरोना की दोनों लहर के दौरान एम्बुलेंस को लेकर जो परेशानी देखने को मिली थी, उससे निजात दिलाने में और गांव के गरीब लोगों को मदद करने में शायद रामबाण साबित हो सकती है। फिलहाल इलाकाई अवाम के लिए एडवांस ट्रॉमा एन्ड मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल, रहमान नर्सिंग होम की तरफ से नया अविष्कार भी है और बेरोजगारों के लिए गिफ्ट भी है।