नवगछिया : साइबर क्राइम कंट्रोल को लेकर नवगछिया पुलिस जिले के पुलिस पदाधिकारियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है. पटना से आये साइबर एक्सपर्ट दीपक कुमार ने पुलिस पदाधिकारियों को नवगछिया पुलिस लाइन में रविवार को प्रशिक्षण दिया. पुलिस पदाधिकारियों के प्रशिक्षण के बाद परीक्षा से उनकी जानकारी आंकी गयी. राज्य में साइबर अपराध की घटनाएं जिस रफ्तार से बढ़ती जा रही है,
इससे मुकाबला करने के लिए पुलिस महकमा भी अपने स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है. दारोगा से लेकर डीएसपी तक के पदाधिकारियों को प्रशिक्षण देना सबसे महत्वपूर्ण है. आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने सभी पदाधिकारियों के लिए विशेष साइबर प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किया है. नवगछिया एसपी ने बताया कि प्रशिक्षण में साइबर अपराध का कैसे उद्भेदन किया जाए और अपराधियों को कैसे पकड़ा जाए के बारे में बताया गया.
अक्सर साइबर अपराध के बाद पुलिस मात्र एफआईआर दर्ज करने तक सीमित रह जाती है. टाउन थाना समेत जिले के विभिन्न थानाें में सैकड़ों साइबर अपराध के केस पेंडिंग पड़े हैं. नवगछिया सहित पूरे बिहार में साइबर थाना खोला गया है. साइबर मामले का केस होने के बाद आइओ बदल जाते हैं, लेकिन मामले में कोई सफलता पुलिस को नहीं मिलती है. साइबर अपराध होने के बाद पुलिस केस करने में भी पीड़ित से काफी हिल-हुज्जत करती है. काफी प्रयास के बाद पीड़ित अगर केस दर्ज कराने में सफल हो जाते हैं, तो उन्हें कोई फायदा नहीं होता. समय गुजरने के साथ केस बंद हो जाता है. नवगछिया एसपी सुशांत कुमार सरोज ने कहा कि साइबर क्राइम को लेकर दो बातें है, पहला जागरूकता. हमारी पुलिस साइबर क्राइम के बारे में जागरूक हो और जो ज्ञान यहां पर अर्जित करेंगे वह अपने अन्य पदाधिकारी और अपने घरवालों को और अपने समाज को बतायेंगे, ताकि साइबर ठगी से बचा जा सके.