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बिहार: कोरोना के बढ़ते कहर के बीच शुक्रवार को एक दारोगा की मौत हो गई। वह सदर थाना भभुआ में पदस्थापित थे। एक साल बाद वह अवकाश प्राप्त कर लेते। लेकिन, उसके पहले ही वह कोरोना की चपेट में आ गए और उन्होंने दम तोड़ दिया। वहीं जब स्वास्थ्य कर्मी मृतक की लाश को दफनाने के लिए शव को लेकर मोहनिया प्रखंड के रतवारा नदी पर पहुंचे तो उन्हें ग्रामीणों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। दर्जनों की संख्या में मौदूद ग्रामीण हाथों में लाठी डंडे लेकर नदी के पास शव दफनाने से मना करने लगे। दो घंटे के कड़ी मशक्कत के बाद ग्रामीणों ने स्वास्थ्य कर्मियों को शव के साथ खदेड़ दिया।

बताया जाता है कि प्रखंड के बघिनी गांव निवासी प्रेम चौधरी जिला मुख्यालय स्थित भभुआ थाने में तैनात थे। उनकी तीन-चार दिनों से तबीयत खराब चल रही थी। उनके द्वारा गुरुवार को अनुमंडल अस्पताल में कोरोना की जांच कराई गई। उनकी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आयी। वह घर पर ही आइसोलेट होने का फॉर्म भरकर डड़वा स्थित अपने मकान पर चले गए। चौबीस घंटे के अंदर ही उनका सांस फुलने लगा। तब परिजनों ने अनुमंडल अस्पताल में संपर्क किया। सूचना मिलते ही अनुमंडल अस्पताल की एम्बुलेंस को उनके आवास पर भेजा गया।

एम्बुलेंस चालक सुनील कुमार ने बताया कि जैसे ही हमलोग मरीज को एम्बुलेंस में लादकर बढ़े कि उनकी आंखें बंद हो गयीं। अनुमंडल अस्पताल लाने पर चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

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