

नवगछिया। बिहपुर प्रखंड के मध्य विद्यालय पछियारी टोला औलियाबाद में सोमवार को देश की प्रथम शिक्षिका क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फूले की पुण्यतिथि मनाई गई। इस मौके पर प्रधानाध्यापक अनिल कुमार दीपक के संयोजन में शिक्षिकाओें व बाल संसद के अगुवाई में श्रद्धांजली सभा आयोजित किया गया। प्रधानाध्यापक दीपक ने कहा, शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश का अनुपालन करते हुए सभी शिक्षक कार्य करें। जिससे बच्चों का सर्वांगीण विकास हो, तभी उनका संघर्ष सार्थक व सपना साकार हो सकेगा। बाई फूले के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए एचएम ने कहा की उनके विचार आज भी वर्त्तमान समय में प्रासंगिक है। वही शैक्षिक परिचर्चा पर प्रकाश डालते हुए शिक्षा के महत्व से सभी अभिभावकों और बच्चों को अवगत कराया। अनीता, मो शमीमुद्दीन, स्वेता, क्रांति, रोमा, रविशंकर झा, मनीष कुमार, दयानंद यादव, रजनीकांत शिक्षक-शिक्षिका व तालिमी मरकज के तबरेज आलम ने माता सावित्री बाई फूले की कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनके बारे में बोलना सूर्य को दीपक दिखाने जैसा है।1831 में महाराष्ट्र के सतारा में जन्मी माता सावित्री ने महाराष्ट्र में महिला शिक्षा को जागृत करने में अपना पूरा जीवन लगा दिया। 1848 ई में महिलाओं को शिक्षित व सशक्त बनाने के उददे्श्य से महाराष्ट्र के पुणे में पहला बालिका स्कूल की स्थापना करवाई थी। वे देश के पहले बालका स्कूल की प्रधानाध्यापिका व पहले किसान स्कूल की संस्थापिका भी थी।कार्यक्रम में बाल संसद की प्रधानमंत्री अलका कुमारी, स्वच्छता मंत्री पूजा कुमारी व विज्ञान मंत्री अर्णिका कुमारी व कुसुम कुमार समेत बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद थे।