नवगछिया | रंगरा प्रखंड स्थित दक्षिणेश्वरी मां काली मंदिर भवानीपुर में सोमवार को देव दीपावली के अवसर पर 15 हजार 51 मिट्टी के दिये जलाया गया। दीप प्रज्वलन से पहले वैदिक मंत्रोच्चार द्वारा मां काली का पूजा पाठ किया गया। मंदिर के मुख्य पुजारी प्रोफेसर प्रभात झा के सानिध्य में शंखनाद, ढोल नगाड़ों और वैदिक मंत्रोच्चार से पुरा वातावरण भक्ति भाव से सराबोर हो गया। भक्ति भजन मंडली द्वारा भजनकीर्तन किया गया। देव दीपावली के महत्व को बताते हुए मंदिर के व्यवस्थापक प्रशांत कुमार उर्फ पिंटू यादव ने कहा की दैत्य से सभी देवी देवता परेशान थे।
दैत्य त्रिपुर के उत्पीड़न से परेशान देवताओं ने इससे मुक्ति के लिए भगवान शंकर से प्रार्थना की। जिसके बाद भगवान शिव ने देवताओं के प्रार्थना पर त्रिपुर का वध किया वह दिन कार्तिक पूर्णिमा का था। राक्षस के वध के बाद देवताओं द्वारा खुशी में स्वर्गलोक में घी के दीये जलाकर दीपावली मनाई गई थी। बस तब से ये परम्परा चली आ रही है। वहीं स्थानीय ग्रामीण शम्भु कुमार भारती ने कहा की भवानीपुर काली में में पिछले 5 वर्षों से लगातार देव दीपावली पर ग्रामीणों और मंदिर व्यवस्थापक के सहयोग से मिट्टी के दिये जलाए जाते है।
दीपोत्सव का शुभारंभ मंदिर के व्यवस्थापक प्रशांत कुमार उर्फ पिंटू यादव, अध्यक्ष राम पोद्दार, प्रोफेसर डॉक्टर राधाकांत झा, कैलाश यादव, सुबाली यादव, बहादुर यादव, गुड्डू झा, रिंटू झा, कैलाश पोद्दार, त्रिपुरारी कुमार भारती, हरि किशोर झा, विश्वास झा, मंदिर के पुजारी अमित झा, हिमांशु शेखर झा के अलावे हजारों सहयोगियों के द्वारा कार्यक्रम संपन्न हुआ।