नवगछिया- बड़ी घाट ठाकुरबाड़ी में आयोजित एकादश अभिषेकात्मक महारूद्र यज्ञ के नौवें दिन हस्त रेखा एवं कुंडली अनुसंधान विशेषज्ञ आचार्य पंडित अविनाश कुमार उर्फ जैकी बाबा ने बताया कि रुतम्-दु:खम्, द्रावयति-नाशयतीतिरुद्र: यानी कि भोले सभी दु:खों को नष्ट कर देते हैं। उन्होंने बताया कि जल से अभिषेक करने पर वर्षा होती है। असाध्य रोगों को शांत करने के लिए कुशोदक से रुद्राभिषेक करें। भवन-वाहन के लिए दही से रुद्राभिषेक करें।
लक्ष्मी प्राप्ति के लिए गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करें। धनवृद्धि के लिए शहद एवं घी से अभिषेक करें। तीर्थ के जल से अभिषेक करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है। इत्र मिले जल से अभिषेक करने से बीमारी नष्ट होती है। पुत्र प्राप्ति के लिए दुग्ध से करना चाहिए। वहीं मत्स्य महापुराण की कथा पितृदोष एवं कर्म कांड आदि का वाचन विद्यावाचस्पति डॉ० श्रवण जी शास्त्री ने किया। शिव महापुराण में भगवान शिव के कल्याणार्थ की कथा का वाचन महंत सिया वल्लभ शरण महाराज जी श्री ने किया।
इधर दिन के अभिषेक में राकेश भगत सपत्नीक कविता देवी एवं रात्रि के अभिषेक में प्रवीण भगत सपत्नीक नूतन देवी ने सपरिवार भाग लिया। मौके पर शिव महापुराण के मुख्य यजमान मिलन सागर, मत्स्य महापुराण के मुख्य यजमान विश्वास झा सपत्नीक शिखा कुमारी, रूद्रा अभिषेक के मुख्य यजमान अविनाश मिश्रा सपत्नीक तृप्ति मिश्रा, वैदिकाचार्य ललित शास्त्री, अतिथि के रूप में नगर परिषद अध्यक्षा प्रीति कुमारी, अध्यक्ष त्रिपुरारी कुमार भारती, अजीत कुमार, कृष्ण भगत, विभूति भूषण, आनंद झा, धनश्याम मिश्रा, शंकर जायसवाल, सत्यम, शिवम, शांतनु आदि अपने कार्य संपादन को लेकर लगे हुए हैं।