- सुरक्षा के लिए विपिन ने वरीय पदाधिकारियों को लिखा पत्र
- विपिन ने कहा, डरेंगे नहीं, लड़ेंगे
नवगछिया- ग्रामीण कार्य विभाग की पांच सड़कों का मरम्मत नहीं किये जाने और व्यप्त भ्रष्टाचार के विरोध में नवगछिया अनुमंडल कार्यालय परिसर में अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे इस्माइलपुर के जिला पार्षद विपिन कुमार मंडल के समर्थन में इस्माइलपुर के युवाओं ने सोमवार को नवगछिया के जीरोमाइल स्थित ग्रामीण कार्य विभाग के दफ्तर में तालाबंदी कर प्रदर्शन किया है. जबकि दूसरी तरफ धरना के छठे दिन विभागीय या प्रशासनिक स्तर से किसी भी प्रकार की सुध नहीं ली गयी. धरना स्थल पर न तो सुरक्षा व्यवास्था की गयी है और न ही किसी भी प्रकार की मूलभूत सुविधा मुहैया कराया गया है. प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी भी स्थल पर नियमित नहीं रहते हैं.
सोमवार शाम को दंडाधिकारी को बंधक बना कर स्थल पर ही रहने की बात विपिन के समर्थकों द्वारा कही जा रही थी. हालांकि दंडाधिकारी ने कहा कि वे तो यहां ड्यूटी पर हैं ही इसलिये बंधक बनाने जैसी कोई बात नहीं है. जिला पार्षद विपिन कुमार मंडक ने कहा कि विभाग द्वारा अब तक कुछ नहीं कराया गया है. ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता द्वारा आंशिक रूप से की गयी सड़क मरम्मती की कई तस्वीर को कई एंगिल से भेजा जा रहा है. जिला पार्षद ने कहा कि वे इतने दिनों से धरना पर डटे हैं. नवगछिया अनुमंडला परिसर रात में सुनसान हो जा रहा है. लेकिन स्थल पर सुरक्षा की व्यवस्था नहीं की गयी है. दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गयी है लेकिन वे भी रात में चले जाते हैं. नवगछिया में हत्या हो रही है, ऐसी स्थिति में वे यहां असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.
लेकिन पदाधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं. सोमवार को विपिन मंडल व्यवस्था पर जम कर बरसे, कहा कि बार बार विभाग द्वारा लिखित दिया जा रहा है कि यह धरना औचित्यहीन है. विपिन ने कहा कि सड़क जर्जर रहने के कारण आये दिन हादसे होते रहते हैं, लोगों की मौत होती है, और साहब को धरना औचित्यहीन लग रहा है. विपिन में कहा कि उन्हें सुरक्षा व्यवस्था इसलिये नहीं दिया जा रहा है कि प्रशासन को लग रहा है कि रात को डर कर विपिन मंडल धरना समाप्त कर देगा. लेकिन विपिन जब भी मैदान में उतरता है तो आरपार की लड़ाई की नियत से उतरता है. वह डटा रहेगा. जब तक उनके गांवों की सड़कों को चलने लायक नहीं बना दिया जाता है. रात में भी विपिन मंडल के साथ करीब 15 से 20 युवक धरना पर डटे थे.