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एएनएम व सफाईकर्मी के भरोसे चल रहा अस्पताल

बिना अस्पताल पहुंचे स्वास्थ्यकर्मी बना रहे अपना हाजिरी

ग्रामीणों का आरोप:- एक्सपायरी दवा से कर दी जाती है मरीजों की इलाज

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नवगछिया अंतर्गत कोसी पार, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ढोलबज्जा की स्थिति इन दिनों काफी दयनीय होती जा रही है. जहां मरीजों के द्वारा बार-बार शिकायत मिलने पर सोमवार को नवगछिया जिला परिषद नंदनी सरकार अस्पताल की निरीक्षण करने पहुंची . जांच के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों के करतूत से जिप नंदनी सरकार दंग रह गई. अस्पताल सिर्फ एएनएम जार्जिना मिंंज व सफाईकर्मी मेघनाथ मेहतर के भरोसे चल रहा हैं तो वहीं लैव टेक्निशियन तारा कुमारी, डाटा ऑपरेटर राजा कुमार भी उपस्थित थे.

कुल आठ पदस्थापित स्वास्थ्य कर्मियों में दुसरी एएनएम सोल्टी जायसवाल उपस्थित होकर फिल्ड में टीकाकरण करा रही थी. वहीं पदस्थापित तीसरी एएनएम अनिता कुमारी बिना अस्पताल पहुंचे की अपनी हाजिरी बनाती है. उपस्थित स्वास्थ्य कर्मियों से जब उनके बारे में पूछा गया तो बताया कि वह छुट्टी में है. अनिता ने छुट्टी के लिए दो-दो आवेदन रजिस्टर में लगाए थे. एक में 1-2 मई तक की छुट्टी मांग की गई थी. वही दुसरे आवेदन में 2-3 मई तक छुट्टी की मांग की गई है. जिससे साफ स्पष्ट जाहिर होता है कि- इस बीच कोई अधिकारी यदि जांच में आ जाएं तो वह बच जायेंगी. यदि नहीं आए तो मांगी गई सभी छुट्टी दिनों की आवेदन को फ़ाड़ कर अपनी हाजिरी बिना उपस्थिति की हीं बाद में बना लेंगीं.

इस तरह की बात जिप को जांचोपरांत प्रत्यक्ष रूप में भी देखने को मिला है. बताते चलें कि रविवार को ढोलबज्जा अस्पताल बंद रहता हैं । स्थानीय लोगों की मानें तो अनिता कुमारी की यह मनमानी लंबे समय से चल रही है. आरोप है अस्पताल नहीं पहुंचने पर एक स्वास्थ्य कर्मी दुसरे स्वास्थ्य कर्मियों का भी हाजिरी बनाने का काम करते हैं. वहीं दवा भंडार व स्टाप रूम में ताला लटका हुआ था. जहां एंपीसिलीन व कुत्ते के काटे जाने पर मिलने वाले रेबीज टीका व अन्य जांच कीट रहता है. आयूष चिकित्सा पदाधिकारी बीरेंद्र कुमार से पूछा गया तो, उन्होंने बताया कि मेरा ड्यूटी सप्ताह में तीन दिनों मंगलवार, गुरुवार व शनिवार को हैं, जो नियमित कर रहा हूं.

वहीं एमबीबीएस चिकित्सा पदाधिकारी कुंदन रानी के बारे में नवगछिया पीएचसी प्रभारी बी दास से पूछने पर बताया कि- वह करीब 15 दिनों की अवकाश पर हैं. अब जाहिर सी बात यह है कि यदि 15 दिनों तक डॉक्टर अनुपस्थित रहेंगे तो मरीजों को कैसे दवा व इलाज की सुविधा दी जाती है. उपस्थित एएनएम ने बताया दवा भंडार रूम की चाभी अनिता मैडम के पास है. वह भी अवकाश पर हीं हैं तो लैब कैसे चल रहा है? तीन जिले के सीमावर्ती क्षेत्र पर अवस्थित एपीएचसी ढोलबज्जा अस्पताल की इस तरह की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था पर स्थानीय लोगों ने काफी नाराजगी जताई है. ग्रामीणों ने बताया कि करीब दो महीने से ढोलबज्जा अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मियों के बीच बर्चस्व को लेकर, अनबन चल रही है. ना हीं संबंधित विभाग कोई सुध ले रहे.

यहां फोर ग्रेड कर्मियों के द्वारा एक्सपायरी दवा भी चला दी जाती है. बताया जा रहा है कि- कुछ दिन पहले भगवानपुर से ईलाज के लिए आए एक मरीज मरते-मरते बचे हैं. चिकित्सकों के शयन कक्ष में इमरजेंसी, बिजली पंखा की सारी व्यवस्था देखने को मिला. वहीं महिलाओं के प्रसव कक्ष में ये सब सारी सुविधाएं नदारद थी. अस्पताल में अनबन को लेकर जहां बीते मार्च महीने में 42 महिलाओं का प्रसव हुआ है वहीं अप्रैल में सिर्फ 5 प्रसव महिला हीं पहुँची. मजबूरन लोग दूर दराज नवगछिया व भागलपुर जाने को बेवस है. उक्त बातों को लेकर नंदनी सरकार ने मौके पर से भागलपुर सीएस से भी फोन पर बातचीत कर जानकारी दी है. जिस पर सीएस ने लिखित आवेदन देकर शिकायत करने की बात कही है. वहीं ढोलबज्जा अस्पताल के इस दयनीय स्थिति को लेकर रोगी कल्याण समिति के सदस्य सह युवा जदयू नेता प्रशांत कुमार कन्हैया ने भी नाराजगी व्यक्त की है.

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