


ढोलबज्जा के भगवानपुर में होली के पूर्व युवाओं की टोली ने एक दूसरे के साथ धूल मिट्टी उड़ाकर जमकर धुरखेल खेली। प्रशान्त ने बताया कि पूर्वजों की होली के एक दिन पहले धुरखेली खेलने की परंपरा रही है। जो अब विलुप्त होने के कगार पर पहुंच गयी है। उसी लोक परंपरा और संस्कृति को जिंदा रखने के लिए हमलोगों ने धुलेंडी खेलने का आयोजन कर समाज को एक संदेश दिया है। प्रशांत कन्हैया, अमर, लड्डू, रौशन, हिमांशु, प्रिंस, मतीष, संजीत, विक्रम सहित दर्जनों युवा शामिल थे।
