अर्जुन कॉलेज ऑफ नर्सिंग, नवगछिया के प्रांगण में आयोजित “आर्ट ऑफ लिविंग” के ध्यान -योग शिविर के तीसरे दिन स्वामी प्रेम तेज तजी ने सर से पांव तक के सभी जोड़ों को सदैव दुरुस्त रखने के लिए प्रतिभागियों को सूक्ष्म व्यायाम कराया ।
विशेषकर रीढ की हड्डी को मजबूत करने की विधि बताई ।
उन्होंने 5-5 का समूह बनाकर एक प्रयोग के माध्यम से समझाया कि जब हम दिल खोलकर किसी के साथ अपनी बातें साझा करते हैं तो परायों के साथ भी अपनापन बढ़ता है, वही साझा नहीं करने से अपने लोगों में भी दूरियां बढ़ जाती हैं।
स्वामी जी ने बताया कि जिम्मेदारी लेने से ही जीवन सुखमय हो सकता है।
अगर हमारी जरूरत बड़ी होगी एवं जिम्मेदारी कम लेंगे तो जीवन नर्कमय हो जाएगा एवं सदा शिकायत करना इनके जीवन की फितरत बन जाएगी।
जिनकी जरूरत सीमित होती हैं और जिम्मेदारी बहुत बड़ी निभाते हैं वही इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में वर्णित होते हैं।
यदि जीवन में ताकत चाहिए तो बड़ी जिम्मेदारियां लेनी ही होगी अन्यथा हम स्वत कमजोर हो जाएंगे।
स्वामी जी ने प्रयोग एवं तर्क के माध्यम से समझाया व्यक्ति के मन का सीधा संबंध स्वीकार करने से होता है।
तनाव रहित जिंदगी जीने के लिए हमें व्यक्ति, वस्तु एवं परिस्थिति को यथावत स्वीकार करना चाहिए।
तत्पश्चात स्वामी जी ने “आर्ट ऑफ लिविंग” के जनक से श्री रविशंकर के द्वारा आविष्कृत “सुदर्शन क्रिया” के दूसरे चरण का अभ्यास के माध्यम से कराया ।
सभी प्रतिभागी “सुदर्शन क्रिया” करने के उपरांत पारलौकिक आनंद की अनुभूति का एहसास करने लगे ।
प्राचीन काल में ऋषि -मुनि वर्षो तपस्या कर जिस ध्यान के लिए प्रयासरत होते थे वह अलौकिक अवचेतन मन की अवस्था “सुदर्शन क्रिया” के अभ्यास से सहजता से पाया जा सकता है।
विश्व विख्यात “सुदर्शन क्रिया” के नियमित अभ्यास से 186 देशों के करोड़ों लोग आनंद के सागर में आनंदित हो रहे हैं ।
नवगछिया के पुलिस अधीक्षक सुशांत कुमार सरोज ने बताया कि वर्तमान तनावग्रस्त सांसारिक जीवन को सरल, सहज एवं सुखमय बनाने में सुदर्शन क्रिया की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक जीवन में भी इससे लाभ मिलता है। ध्यान योग कार्यक्रम में भागलपुर एवं नवगछिया के प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी, दर्जनों पंचायत के मुखिया, जनप्रतिनिधि , अर्जुन कॉलेज के सभी प्राध्यापकगण , गैर शैक्षणिक पदाधिकारी एवं छात्र -छात्राओं ने सुदर्शन क्रिया के द्वितीय चरण का आनंद लिया।
आज के सत्र के समापन में अर्जुन कॉलेज की अध्यक्ष नीलम देवी ने स्वामी परमतेज जी एवं सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापन किया।