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इवीएम और इपिक के दौर में भी बिहार में बोगस वोटिंग की शिकायतें आती हैं। विधानसभा चुनाव में फर्जी मतदान रोकने के लिए एक नया मॉडल लागू किया जा रहा। अररिया ने राह दिखाई है। लोकसभा चुनाव में अररिया जिले की तत्कालीन एसपी धुरत सयाली सावला राम ने यह मॉडल लागू किया था। इससे सांप्रदायिक रूप से बेहद संवेदशनशील अररिया में न सिर्फ दूसरे के नाम पर मतदान घट गया, बल्कि ऐसी कोशिश करने वाले तीन दर्जन  लोग अभी तक मुकदमा झेल रहे हैं।

यह मॉडल कैसे बिहार में लागू होगा, इसकी तैयारी शुरू हो गई है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने अपर पुलिस महानिदेशक जितेंद्र कुमार को पत्र लिखकर विस्तृत दिशा-निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर पुरस्कृत अररिया मॉडल को पूरे बिहार में लागू करें। सवा लाख पुलिस वालों को अररिया मॉडल की ट्रेनिंग दिलाएं।

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