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नवगछिया – आज पुलिस पहले की अपेक्षा काफी सुविधा संपन्न हो चुकी है ऐसे में आज के समय में डकैती की घटना होना एक चिंतास्पद बात है. झंडापुर की घटना ने पूरे इलाके को एक बार झक झोड़ दिया था. पुलिस व्यवस्था पर सवालिया निशान उठने लगे थे और यही सब देखते हुए नवगछिया के एसपी सुशांत कुमार सरोज की टीम ने इसे चुनौती के रूप में लिया. घटना के तुरंत बाद सीन ऑफ क्राइम को चिन्हित किया गया और श्वान दस्ते की मदद ली गयी. श्वान दस्ते से मदद लेने का निर्णय अपराधियों द्वारा लूट गए रकम को गबन करने की मनसा में आखिरी कील साबित हुआ.

स्वान दस्ते के खोजी कुत्ते सीन ऑफ क्राइम के इर्द-गिर्द मंडराते रहे और फिर यह खोजी कुत्ते वहां तक गए जहां जहां आरोपियों के घर थे और डकैती कांड के बाद आरोपी जहां-जहां गए थे. इसके बाद पुलिस को इतनी जानकारी तो अवश्य ही मिल गई कि अपराधी किस मोहल्ले का है और खोजी कुत्ते द्वारा चिन्हित किए गए स्थलों के आसपास ही उसका घर है. इसके बाद पुलिस ने संयम से काम लिया और 48 घंटे तक श्वान दस्ते द्वारा चिन्हित स्थलों के घरवालों की निगरानी की जाने लगी. इतनी निगरानी के क्रम में एक के बाद एक संदिग्ध पुलिस के हत्थे चढ़ते रहे और नगदी समेत जेवरातों की भी बरामदगी हुई.

और पुलिस इस कांड के उद्भेदन में लगभग सफल हो गयी. पूरा डकैती कांड आलियाबाद निवासी योगेंद्र सिंह के पुत्र सुपर कुमार की दिमागी उपज थी. सुपर कुमार जिस दुकान में काम करता था उस दुकान के मालिक ने झंडापुर के व्यवसाय विनोद जैन से 3 कट्ठा जमीन ₹1500000 में खरीदी थी. जानकारी मिली है कि सुपर ने जमीन की खरीद बिक्री को काफी नजदीक से देखा और उसे यह भी पता था कि उसके मालिक ने कब और कहां जमीन मकिल को 15 लाख रुपया दिया है.

सुपर ने इस सूचना को आपराधिक प्रवृत्ति के मिल्टन कुमार को दी और फिर मिल्टन और सुपर के दोस्तों ने मिलकर डकैती का पूरा प्लान बनाया. पुलिस को जानकारी मिली है कि सुपर वयस्क होने के साथ ही गलत सोहबत में आ गया हालांकि उसने एक दुकान में नौकरी भी की लेकिन गलत सोहबत से उसका पीछा नहीं छूटा लिहाजा वह शराब के कारोबार में भी संलिप्त हो गया. जिसके कारण वह पिछले वर्ष दो सितंबर को पुलिस के हत्थे भी चढ़ा था. जेल में ही कई अपराधियों से उसकी दोस्ती होने की बात कही जा रही है.

डीआईजी ने की नवगछिया पुलिस की तारीफ, डीआईजी ने कहा मामले में कराएंगे स्पीडी ट्रायल

महज 72 घंटे के बाद डकैती कांड का लगभग उद्भेदन हो जाने के बाद डीआइजी ने नवगछिया पुलिस की पीठ थपथपाई है. उन्होंने कहा कि निसंदेह नवगछिया पुलिस ने अच्छा काम किया है और अनुसंधान में शामिल सभी पुलिस पदाधिकारियों और पुलिस कर्मियों को पुरस्कृत किया जाएगा. दूसरी तरफ उन्होंने यह भी कहा कि मामले का सही तरीके से अनुसंधान कर, कांड के विभिन्न साथियों का संकलन कर इस कांड में एसपीडी ट्रायल चलवा कर अपराधियों को जल्द से जल्द सजा दिलवाया जाएगा.

पत्नी के इलाज के लिए विनोद जैन ने रखे थे पैसे

डकैती के वक्त का खौफनाक मंजर विनोद जैन के आंखों के सामने से ओझल नहीं हो रहा है. वह अभी भी डरे सहमे हालांकि पुलिस की कार्यवाही पर उसे संतोष है. विनोद जैन कहते हैं कि अपराधी जैसे ही उसके घर के अंदर घुस गए तो पहले तो अपराधियों ने पिस्तौल उनके कनपटी पर सटा दिया और एक चाकू से उनके गले पर प्रहार किया. उनको उस वक्त लगा अगर जान बचानी है तो अपनी संपत्ति की चिंता करना छोड़ ही देना चाहिए और विनोद जैन में अपराधियों को चाबी दे दी और कहा जो सामान है निकाल लो.

विनोद जैन कहते हैं कि उसने इंग्लिश चौक स्थित अपने 3 कट्ठे की जमीन को 15 लाख में बेचा था जिसका रकम उसके पास था और वह मक्का का व्यवसाय करता है और ₹500000 उसे पेमेंट मिला था कुल मिलाकर उसके तिजोरी में बीस लाख से अधिक रकम थी. विनोद जैन कहते हैं कि उसकी पत्नी वंदना जैन कैंसर से पीड़ित है और वे उनका इलाज सूरत में करवा रहे हैं. इलाज में काफी पैसा लगता है इसलिए उनकी जमीन भी बिक गए लेकिन इस घटना के बाद वह हिम्मत हार चुके थे. अब उम्मीद है कि वह अपनी पत्नी का इलाज करवा सकेंगे. नवगछिया और बिहपुर के कई बुद्धिजीवियों ने पुलिस की त्वरित और सती कार्रवाई की प्रशंसा की है और आए दिन भी इसी तरह के कार्य की उम्मीद की है.

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