ठाकुरवाड़ी महंत ने आरोप को निराधार बताया।
भागलपुर सुलतानगंज के आत्मा बाजार में दुकानदारों ने किया एक दिवसीय शांति धरना प्रदर्शन। मामला दुकानदार का दुकान भाड़ा को लेकर है। दुकानदार ने बताया। सुलतानगंज पंचायती अखाड़ा ठाकुरवाड़ी के महंत कश्यप दास महाराज जब से आए हैं। मनमानी कर रहे। भाड़ा सभी दुकानदारों का भांडा पहले ही मांगते हैं। जोकि जितना भी आत्मा बाजार में दुकानदार है सभी का भांडा एडवांस में पहले दे दिया गया हैं। किसी किसी का फरवरी का बाकी है।बाबा का कहना हैं। सभी दुकानदार का भांडा भरना होगा। और दुकान का किराया रेंट बढ़ेगा। और हर महीने देना होगा। इसी को लेकर ठाकुरवाड़ी के बाबा ने बिना जानकारी दिए ही सिविल कोर्ट से नोटिस जारी कर दिया जो कि उचित नहीं है।इसी को लेकर एक दिवसीय शांतिपूर्ण धरना बाबा के खिलाफ कर रहे हैं। सिविल कोर्ट के नोट इसको बाबा वापस ले ।
दुकानदारों का यह भी कहना है जबसे बाबा आए हैं तब से सभी दुकानदारों को ना को दम कर रखा है। वहीं पंचायती अखाड़ा ठाकुरवाड़ी महंत कश्यप दास जी महाराज का कहना है मेरे ऊपर जो भी आरोप है वह बिल्कुल निराधार है ना तो मैं किसी के ऊपर दबाव डाला है और ना ही किसी दुकानदार को हटाने की बात की है और ना ही धरना प्रदर्शन करने का। बाबा कश्यप दास महाराज ने यह भी कहा, मैं सभी दुकानदारों को मौखिक रूप से कहा था आत्मा बाजार के जितने भी दुकानदार हैं सभी अपना एग्रीमेंट करवाकर तो कौन को सुचारु रुप से चालू रखें। अभी तक में आत्मा बाजार में पचासी दुकानदार हैं जोकि 20 दुकान का ही एग्रीमेंट किया गया है बाकी का बिना एग्रीमेंट के ही दुकान चलाने वाले भाई बंधु एग्रीमेंट करा लें ताकि मेरे ऊपर भी प्रेशर नहीं बना रहे क्योंकि ट्रस्ट को जवाब दे ही देना पड़ता है।
अभी सारा काम डिजिटल के माध्यम से हो रहा है। बात रही सिविल कोर्ट नोटिस का मेरे से पहले 2010 में कुछ दुकानदारों पर टाइटल सूट का केस चल रहा है। जोकि कोर्ट में चल रहा है। मैंने तो सभी दुकानदारों से विनम्रतापूर्वक कहा था। जिस दुकानदार ने एग्रीमेंट नहीं कराए हैं वह कराले आपके लिए फायदे होंगे। अभी आप नहीं कराते हैं आपके दुकान डिफॉल्टर घोषित हो जाएंगे।कल के दिन किसी तरह का कोई बात बित जाने के दौरान इसका जवाब देही । मेरी नहीं होंगा। लेकिन कुछ दिनों से दुकानदारों के द्वारा जिस तरह से टॉर्चर किया जा रहा है धमकी मिल रहा है। कहीं ना कहीं मेरे साथ अनहोनी की आशंका जताई जा रही है। इसको लेकर मैंने ट्रस्ट के पदाधिकारी को जनकारी दे दिए हैं। मंदिर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। ठाकुरवाड़ी के मंदिर में अकेला रहता हूं।बिते कुछ दिन पूर्व मंदिर में बहुत लोग आकर हंगामा किया और गलत शब्द का इस्तेमाल भी किया गया है। अपना सुरक्षा को देखते,मेने कोर्ट के शरण में गया। कोर्ट के न्यायालय पर मुझे पूरा विश्वास है जो फैसला देगी हम उनका सम्मान करेंगे, मेने 2013 से ठाकुरवाड़ी मंदिर का सेवा कर रहा हूं। मेरे पहले से जो बाबा रहें,2010 से कुछ दुकानदारों पर टाइटल सूट चल रहा है। लेकिन जिस तरह से मंदिरों में लोग मद मदिरा का प्रयोग करके मंदिर परिसर में तांडव करते हैं। डर लगने लगा है।