सड़क किनारे हुए “लीकेज” पर टिकी कई परिवारों की जिंदगी, जान हथेली पर लिए घंटों मशक्कत के बाद कर रहे पानी का जुगाड़
बूंद – बूंद से घड़ा भरता है, और वहीं जब सुखी हलक को एक बूंद पानी मिल जाए तो फिर कहना ही क्या? हर घर नल का जल और पानी के लिए जद्दोजहद से छुटकारा कुछ ऐसी ही बातें अखबारों और टीवी चैनलों के विज्ञापनों में तो ठीक है, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत दावों से काफी अलग प्रतीत हो रहा है|
सड़क किनारे प्लास्टिक के केन और छोटे बड़े बर्तनों में पानी जमा करते ये लोग पानी सप्लाई के लिए लगाए गए पाईप की जांच नहीं कर रहे हैं बल्कि ये सभी खुद के पियाऊ जल का इंतजाम करने में पूरी दिल्लगी के साथ जुटे हुए हैं| यह दृश्य भागलपुर से दुमका जाने वाली मुख्य सड़क का है| जहां टूटा पुल के पास पानी का पाईप लीकेज है| वहीं यह लीकेज आसपास के कई लोगों के सूखे हलक को शांत भी कर रहा है| इसी लीकेज से पीने के लिए पानी ले रहे।
जमीन फुलवरिया गांव के रंजित कुमार दुबे ने बताया कि उनके घर में सात निश्चय योजना के तहत पीयाऊ जल की व्यवस्था की गई लेकिन टंकी नहीं होने से नियमित तौर पर पानी नहीं मिल पाता है| उन्होंने कहा कि यह मुख्य सड़क होते हुए पुरैनी की ओर पानी की सप्लाई की गई है उसी लीकेज से वह पानी ले रहे हैं| उन्होंने बताया कि डर है कि अगर मामला संज्ञान में आने के बाद लीकेज बंद हो गया तो फिर वह पानी कहां से लेंगे| उन्होंने जल्द अपने गांव में पानी की मुकम्मल व्यवस्था करने की गुहार लगाई है| रंजित दुबे की मानें तो इस तरह सड़क पार कर लीकेज से पानी लेने के दौरान किसी बड़ी दुर्घटना की हमेशा आशंका बनी रहती है| लेकिन लोग आखिर करे भी तो क्या करे, बात हलख की प्यास बुझाने का है तो इंतजाम भी खुद करना ही होगा|
दोगच्छी की रहने वाली सरकार के रवैये से नाखुश आक्रोशित महिला गुलशन मंसूरी ने कहा हम लोगों को पानी पीने की कोई व्यवस्था सरकार ने नहीं कर रखी है किसी तरह जीवन यापन कर रही हूं वहीं उन्होंने कहा हम लोगों के जनप्रतिनिधि के द्वारा गांव में सबके घर में पानी की पाइप का कनेक्शन लगवा तो दिया लेकिन टोटी में अभी तक पानी नदारद है।
मंसूरी टोला के रहने वाले चाय विक्रेता बबलू राय ने कहा हमारे गांव में पीने लायक पानी सदियों से नहीं आ रहा है यहीं से पानी ले जाकर पीता हूं और इसी पानी से चाय बना कर बेचता हूं जिससे अपने और अपने परिवार का गुजर-बसर करता हूं अगर यह भी बंद हो जाए तो हम लोग मर जाएंगे।