भागलपुर : शहर में साइबर ठग लगातार लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। ये हर बार नए नए तरीके से लोगों को अपने चंगुल में फांस रहे हैं। लोगों के बैंक खाते में वे बड़ी आसानी से सेंध लगा लेते हैं। हर माह ऐसे दर्जनों मामले पुलिस रिकार्ड में दर्ज होते हैं। कुछ बड़े मामले को छोड़ पुलिस को सफलता नहीं मिली है। तकनीकी रूप से कुशल पुलिसकर्मियों के अभाव में साइबर ठगों का पकडऩा मुश्किल होता जा रहा है।
जागरूकता ही उपाय
पुलिस और आइटी एक्सपर्ट का कहना है कि जागरूकता ही साइबर ठगी का शिकार होने से बचने का एकमात्र उपाय है। यदि हम अपनी जानकारियों को गोपनीय रखेंगे तो कभी भी ठगी के शिकार नहीं होंगे। मोबाइल या कंप्यूटर में अज्ञात लिंक को खोलने से बचना चाहिए। वहीं, बैंक अधिकारियों का कहना है कि कभी भी बैंक द्वारा ग्राहकों से बैंक से जुड़ी गोपानीय जानकारियां फोन पर नहीं पूछा जाता।
क्रेडिट कार्ड बंद करने के नाम ठगी
पांच जुलाई 2020 को साइबर ठगों ने तिलकपुर महेशी निवासी मनीष कुमार से क्रेडिट कार्ड बंद करने के नाम पर करीब 41 हजार रुपये खाते से उड़ा लिए। उन्होंने पहले कार्ड बंद करवाने के लिए बैंक से कई बार मदद मांगी थी। इसका फायदा साइबर ठगों ने उठा लिया।
क्लिक करते गायब हुए एक लाख
20 अक्टूबर 2019 को जोगसर निवासी अमित कुमार का एक कुरियर आना था। उनकी डिलीवरी आने में देरी हो गई। तब उन्होंने गूगल पर सर्च कर संबंधित कूरयिर कंपनी के कस्टमर केयर पर संपर्क किया। संपर्क करने के बाद उन्हें दो रुपये एक लिंक पर भेजने को कहा गया। इसके बाद ही अमित के खाते से आठ किश्तों में करीब एक लाख रुपये निकल गए।
आधार लिंक कराने के नाम पर ठगी
30 अगस्त 2019 को बरारी निवासी नर्स किरण सिन्हा को एक फोन आया। उन्हें मोबाइल नंबर को आधार से लिंक करने की बात कही। इस झांसे में आकर उन्होंने कुछ जानकारियां साइबर ठगों को दे दी। इसके बाद ही उनके खाते से रुपये गायब हो गए।
रिचार्ज करते ही निकल गए 23 हजार
30 जुलाई 2019 को साइबर ठगों ने मिरजानहाट के मानिकपुर निवासी नॄसग छात्रा दीप ज्योति के खाते से 23 हजार दौ सौ रुपये उड़ा लिए। उन्होंने भी एक कुरियर आने में देरी होने पर कस्टमर केयर से मदद मांगी थी। फोन करने वाले ने उन्हें एक लिंक पर 10 रुपये का पीटीएम करने को कहा था।
साइबर ठगों को पकडऩे के लिए साइबर सेल काम कर रही है। लोगों से अपील है कि वे अपनी गोपनीय बैंक से जुड़ी जानकारियां कभी भी फोन पर शेयर ना करें। – आशीष भारती, एसएसपी भागलपुर