@ सैकड़ों एकड़ उपजाऊ खेतों में फंसा बाढ़ का पानी.किसान रबी फसल की बुआई के लिए परेशान. किसानों की शिकायत पर जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर सी. चंद्र मिश्रा ने टीम के साथ निरीक्षण के बाद अग्रतर कार्रवाई का आश्वासन दिया. टीम ने गोराडीह, सबौर, और कहलगांव प्रखंड के प्रशस्तडीह बहियार में जल जमाव को देखा और प्रभावित किसानों से बात की. उन्होंने एनएच 80 पर ईंट भट्ठा संचालकों द्वारा बनाए गए बांध का मुआयना कर कहा कि इस पर कार्रवाई के लिए लिखा जाएगा.
प्रदीप विद्रोही
भागलपुर : जिले के घोघा क्षेत्र में वर्षों से ईंट भट्ठा संचालकों द्वारा नदी के प्रवाह को अवरुद्ध कर किसानों को परेशान किया जा रहा है. घोघा नदी पर दर्जनों जगह बांध बनाए जाने से हर साल किसानों के खेतों में जलजमाव होता है, जिससे वे रबी फसल नहीं उगा पाते. शिकायत के बावजूद इसके प्रशासन या पुलिस की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता है. यह सिलसिला पिछले एक दशक से जारी है.
किसानों की लगातार शिकायतों के बाद जल संसाधन विभाग ने बुधवार को जल जमाव इलाके का निरीक्षण किया. मुख्य अभियंता सी. चंद्र मिश्रा ने बताया कि एनएच 80 पर स्थित ईंट भट्ठा मालिकों द्वारा बनाए गए बांध किसानों की समस्याओं की बड़ी वजह हैं. उन्होंने स्थिति को देखकर कहा कि इस पर लिखित कार्रवाई की जाएगी.
गंगा मिट्टी और बालू का अवैध कारोबार :
एनएच 80 के सबौर से एकचारी तक करीब छह दर्जन ईंट भट्ठे स्थित हैं, जहां गंगा मिट्टी और श्वेत बालू का अवैध कारोबार होता है. ये सामग्री इन बांधों के जरिए रात-दिन ट्रैक्टरों से ढोई जाती है और ईंट भट्ठों तक पहुंचाई जाती है. गंगा दियारा क्षेत्र में इस दौरान अपराधियों का वर्चस्व भी बना रहता है और वर्चस्व की लड़ाई में अक्सर गोलियां भी चलती हैं.
प्रभावित क्षेत्र और किसानों की हालत :
बांध बनाए जाने से प्रशस्तडीह, कोदवार, और शालपुर पंचायत के खेतों में बाढ़ का पानी ठहरा हुआ है. हजारों एकड़ उपजाऊ जमीन पर जलजमाव है. दर्जनों बांध बनाए जाने के कारण पिछले दिनों गंगा में आई प्रलयकारी बाढ़ का अब तक नहीं निकल पाया, जिससे किसान रबी फसल की बुआई नहीं कर पा रहे.
प्रशस्तडीह पंचायत के मुखिया अतुल कुमार पांडेय ने बताया कि ईंट भट्ठा संचालकों द्वारा बांध बनाने से पानी की निकासी रुकी हुई है. खेतों में पानी जमा होने के कारण चना की बुआई तक नहीं हो पा रही है. उन्होंने कहा कि यह समस्या 2019 से काफी विकराल हो गया है और हर साल बढ़ती जा रही है.किसानों ने प्रशासन से बांध कटवाने की मांग की है ताकि जलजमाव से राहत मिले और वे रबी फसल की बुआई कर सकें.