रविवार को प्रखंड के एलएलबीजे महिला महाविद्यालय भ्रमरपुर में प्रगति बाल विकास योजना द्वारा फर्जी तरीके से नौकरी देने के नाम पर 366 विद्यार्थी का दक्षता परीक्षा आयोजित किया गया था। लेकिन परीक्षा शुरू होने से पहले इसका भंडाफोड़ हो गया। मौके पर नवगछिया एसडीओ यतेंद्र पाल ने पहुंचकर संबंधित व्यक्ति पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश बिहपुर पुलिस को दिया था। इस मामले में बिहपुर थाना में प्रगति विकास योजना के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। जिसमें खरीक के पवन कुमार,रंजीत राम, सुपौल कोसकीपुर के सुरेंद्र कुमार, मुंगेर के विक्रम पासवान, झंडापुर के आलोक,प्रगति के एडमिन विक्रांत विप्लव,अध्यक्ष रविन्द्र कुशवाहा के विरुद्ध बिहपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज किया गया है। इस मामले में बिहपुर थाना अध्यक्ष राज कुमार सिंह ने बताया कि पवन कुमार,सुरेंद्र कुमार, रंजीत राम, विक्रम पासवान और आलोक कुमार को गिरफ्तार करके को न्यायिक हिरासत में सोमवार को भेज दिया गया। पूछताछ में पुलिस के अधिकारी को सुरेंद्र कुमार आदि ने बताया था कि इसका मुख्यालय बिहार के मुजफ्फरपुर में है जहां से पूरे बिहार को संचालित किया जा रहा है।
सुपौल और अररिया में बहाली करके प्रगति शिशु मंदिर नाम से विद्यालय चलता है। इस संस्था का वर्ष 2019 में पंजीयन हुआ है। मिनी आंगनवाड़ी के नाम पर प्रेरक, सेविका, सहायिका का चयन होना है जिसके लिए रविवार को परीक्षा लिया जा रहा था। प्रगति की ओर से पंद्रह की संख्या में प्रगति के सदस्य आये थे लेकिन मौके पर से कई फरार हो गए। इसका मुख्य किरदार परीक्षा नियंत्रक देवेंद्र यादव है। जिसके देखरेख में परीक्षा आयोजित किया जा रहा था। एलएनबीजे महिला महाविद्यालय भ्रमरपुर के प्राचार्य प्रोफेसर प्रभात रंजन ने बिना प्रशासनिक अनुमति का महाविद्यालय में परीक्षा के लिए अनुमति दिया था। बताया यह भी गया कि प्रगति की ओर से कॉलेज को सेंटर देने के बदले पांच हजार एक सौ की राशि भी प्रगति की ओर से दिया गया है। परीक्षा दिलवाने के बदले दिया था। जांच जारी है। सच्चाई खुलती जाएगी। जांच में यह भी पता चला है कि खरीक प्रखंड में जिला स्तर का प्रगति का कार्यालय है प्रगति में नौकरी दिलाने के बदले बीस हजार से चालीस हजार भी वसूल किया गया है। छात्र गौतम गोविंद मंडल ने प्रशासनिक अधिकारी से मांग किया है कि फर्जीवाड़ा का यह बड़ा रैकेट है इसकी गहराई से निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।