श्रम संसाधन विभाग में लगभग 2600 पदों पर बहाली का झांसा देकर लोगों से पैसे ऐंठे जा रहे हैं। नक्कालों ने इसके लिए एक फर्जी वेबसाइट बनाया है। इसे बनाने में पूरी चालाकी बरती गई है। जिस www.bseds.in का पता दिया गया है, उसे खोलने पर मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और श्रम संसाधन मंत्री की तस्वीर दिखती है। बिहार सरकार के अधीन कंपनी का हवाला देते हुए इसका उद्देश्य यानि विज़न भी बताया गया है। बिहार सरकार का लोगो और प्रबंध निदेशक के हस्ताक्षर के हवाले से जारी विज्ञापन में 207 स्टेनोग्राफर, 1105 डाटा एंट्री ऑपरेटर और 1366 चपरासी के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे गए हैं। आवेदन करने के नाम पर 500 रुपए जमा करने के लिए कहा गया है। साथ ही 80 शब्द प्रति मिनट टाइपिंग की क्षमता मांगी गई है।
बताया गया कि एक साथ इतने पदों पर बहाली का आवेदन देकर नक्कालों की कोशिश है कि इसके नाम पर बड़ी संख्या में आने वाले आवेदनों के माध्यम से करोड़ों रुपए लोगों से पैसे ऐंठ लिए जाएं। जिस एजेंसी के माध्यम से बहाली की प्रक्रिया शुरू की जा रही है, उसका नाम बिहार स्टेट एंप्लॉयमेंट एंड डेवलपमेंट सोसायटी मैनपावर एजेंसी बताया गया है। लेकिन, बहाली में न तो कोई विज्ञापन संख्या है और न ही वेतन की जानकारी। संविदा या नियमित, यह भी जिक्र नहीं है जो इस विज्ञापन पर संदेह उत्पन्न करता है।
बिहार सरकार विज्ञापन निकालने के साथ ही समाचार पत्रों के माध्यम से उसकी जानकारी देती है। लेकिन नक्कालों ने कोशिश की है कि पहली नजर में इसे देखने से कहीं भी नकल होने का एहसास न हो। इसके लिए विभागों का लिंक इससे जोड़ा गया है।
विभाग में ऐसी कोई एजेंसी नही है और न ही विज्ञापन निकाला गया है। मामले की जांच कराई जाएगी। बेरोजगारों को ठगने की यह कोशिश है। कोई भी हो, वे सम्बंधित विभाग में पता कर ही आवेदन करें, वरना वे ठगे जाएंगे।
-विजय कुमार सिन्हा, श्रम संसाधन मंत्री