भागलपुर। स्मार्ट सिटी में भागलपुर का चयन तो हो गया पर मूलभूत सुविधाओं में से एक पेयजल आपूर्ति की स्थिति अब भी लचर है। शहर की पेयजल आपूर्ति व्यवस्था सवा सौ साल पहले बने बरारी वाटर वर्क्स पर ही टिकी है, जिसके न्यू पंप हाउस का 100 एचपी मोटर पंप पिछले चार दिनों से खराब पड़ा है। नतीजतन, मानिक सरकार के जलमीनार में पानी का भंडारण नहीं हो रहा है। इससे करीब एक लाख की आबादी प्रभावित हो रही है। आदमपुर से नया बाजार तक का इलाका जल संकट से जूझ रहा है।
शहर को जल संकट से उबारने के लिए 600 करोड़ की योजना बनाई गई, लेकिन सात साल बाद भी यह धरातल पर नहीं उतर सकी है। इस कारण आए दिन शहर के लोगों को पेयजल के लिए परेशान होना पड़ रहा है। वाटर वर्क्स का मोटर खराब होने के कारण जलापूर्ति पाइप से कम प्रेशर में पानी निकल रहा है। इससे वार्ड 18 से 21 तक जलापूर्ति बाधित है।
मेयर ने जलापूर्ति कार्य का लिया जायजा
शहर में जलापूर्ति संकट के निदान के लिए शुक्रवार को मेयर सीमा साहा व डिप्टी मेयर राजेश वर्मा ने वाटर वर्क्स में जलशोधन कार्य का औचक निरीक्षण किया। पता चला कि न्यू पंप हाउस के साथ वेट इंटेकवेल का भी एक मोटर पंप खराब है। इंटेकवेल में तीन के बदले एक ही मोटर पंप से भंडारण किया जा रहा है। इसको लेकर मेयर ने सहायक जलकल अधीक्षक कृष्णा प्रसाद को शनिवार तक मोटर पंप मरम्मत करने का निर्देश दिया। समस्या निदान के लिए मेयर ने नगर आयुक्त से बात की।
वाटर वर्क्स से यहां होती है आपूर्ति
बरारी वाटर वर्क्स से तिलकामांझी, खंजरपुर, बरारी, पुलिस लाइन, पटल बाबू रोड़, नया बाजार, राधा रानी सिन्हा रोड़ आदमपुर समेत 12 वार्डो में जलापूर्ति की जाती है। इन क्षेत्रों के दो लाख की आबादी को 12 एमएलडी पानी की आपूर्ति होती है।
यहां नहीं पहुंच रहा पानी
बरारी वाटर वर्क्स से घंटाघर के जलमीनार में जल भंडारण होता है। यहां से सिकंदपुर और इशाकचक के जलमीनार को जलापूर्ति पाइप जोड़ा गया है। घंटाघर से सिकंदरपुर के बीच पाइप लाइन में तकनीकी गड़बड़ी की वजह से पिछले 10 वर्षो से आपूर्ति बाधित है। पेयजल व रख-रखाव पर प्रति माह व्यय
- बोरिग व नल के रख-रखाव : 15 हजार
-बरारी वाटर वर्क्स के रख-रखाव व शुद्धिकरण पर खर्च : 10 लाख रुपये
- स्थायी जलकल कर्मियों के वेतन पर व्यय : 18 लाख
- अस्थायी जलकल कर्मियों का मानदेय : सात लाख रुपये
- बोरिग पंप व लीकेज मरम्मत : 15 लाख रुपये