हिंसा से लड़ने का एक मात्र हथियार अहिंसा है – डॉ योगेंद्र
प्रदीप विद्रोही
भागलपुर। गांधी शहादत के 76वें वर्ष में प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी गांधी आश्रम शोभनपुर में गांधी जी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर भगालपुर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ योगेंद्र, गांधीवादी लेखिका डॉ सुजाता चौधरी, शिक्षिका अलका, सामाजिक कार्यकर्ता सुधांशु भाई, अजय पांडेय, त्रिभुवन, प्रेमा के साथ महात्मा गांधी विद्या संस्थान के बच्चे उपस्थित थे।
सर्वप्रथम गांधी जी के प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। वहां उपस्थित सभी ने गांधी जी को पुष्प अर्पित किया। गांधी जी के याद में 25 दीप प्रज्वलित किया गया। आपने सम्बोधन में डॉ योगेंद्र ने कहा कि आज पूरा विश्व हिंसा के आग में जल रहा है। आज गांधी तब से अधिक प्रासंगिक है। क्योंकि हिंसा से लड़ने का एक मात्र हथियार अहिंसा है।
शिक्षिका अलका ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि गांधी जी अपने स्कूल में इंस्ट्रक्टर के कहने पर भी अपनी गलत इंग्लिश हिज्जे को कॉपी कर नही सुधरे।आज दुनिया में कोई उस शिक्षक का नाम नहीं जानता है पर गांधी को पूरा विश्व जनता है। क्योंकि गांधी सत्य पर अडिग रहें। इसलिए अगर तुमको जग में प्रतिष्ठित होना है तो गांधी जी के बताए मार्ग पर चलना होगा।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए आश्रमके संयोजक डॉ मनोज मीता ने कहा कि आज देश पर कलंक का दिवस है। आज ही एक निहत्थे महामानव को एक आतताई ने गोली मार कर हत्या कर दी थी। गांधी का शरीर मार कर भी गांधी अपने विचारों के कारण आज भी पूरे विश्व में जीवित है और राह दिखा रहें है। तब गांधी अकेले बोलते थे।
लाखो लोग सुनते थे, आज लाखो लोग गांधी की आवाज में आवाज मिलते है और करोड़ों लोग सुनते है।आज परिवार, समाज, देश तथा सम्पूर्ण विश्व को अगर राह चाहिए तो उसे गांधी के सत्य, अहिंसा के मार्ग पर चलना होगा।
कार्यक्रम के अंत में गांधी के भजन “रघुपति राघव राजा राम… और वैष्णव जन… का सामूहिक गान से कार्यक्रम समापन हुआ।