नवगछिया।। भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून के तत्वाधान में नमामि गंगे के राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन और जलज परियोजना के अंतर्गत इस्माइलपुर गंगा घाट पर जलीय जीवों के संरक्षण के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम के दौरान कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालुओं से अपील की गई कि वे गंगा के मुख्य चैनल में मूर्तियों का विसर्जन न करें, बल्कि उन्हें धार या मरगंगा में विसर्जित करें। जलज परियोजना के सहायक समन्वयक राहुल कुमार राज ने बताया कि मूर्तियों के विसर्जन से नदियां प्रदूषित होती हैं, क्योंकि इन पर लगे पेंट में पारा और लेड जैसी हानिकारक रसायन होते हैं, जो पानी को नुकसान पहुंचाते हैं। इसके अलावा, मूर्तियों पर चढ़ाए गए प्लास्टिक के फूल, कपड़े, धूप, कपूर आदि भी प्रदूषण का कारण बनते हैं।
इस अवसर पर गंगा के जलीय जीवों, जैसे घड़ियाल, डॉल्फिन, कछुए, मगरमच्छ और विभिन्न प्रकार के पक्षियों की जैव विविधता के संरक्षण और पुनर्वास पर भी विस्तार से चर्चा की गई। कार्यक्रम के बाद, श्रद्धालुओं ने गंगा प्रहरी और स्थानीय समुदाय के साथ मिलकर मूर्तियों का विसर्जन धार या मरगंगा में किया।
सभी ने गंगा के जलीय जीवों के संरक्षण और गंगा प्रहरी बनने की शपथ भी ली। इस कार्यक्रम में गंगा प्रहरी मुरारी कुमार, विजय कुमार मंडल, डुबेश राय, वरुण मंडल, मिथिलेश कुमार मिट्ठू, मंटू कुमार सहित अन्य स्थानीय लोग उपस्थित रहे।