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भागलपुर के सबौर प्रखंड के मसाढू गाँव में गंगा नदी का कटाव तेजी से बढ़ रहा है, जिससे ग्रामीणों की जिंदगी तबाह हो रही है। महिलाओं ने अब गंगा मैया को रिझाने का सहारा लिया है। “गाँव में तो प्रवेश कर गए, अब लौट जाइए मैया,” कहते हुए एक महिला फफक पड़ी, जब उसने अपने उजड़े घर और भविष्य के बारे में बात की।

गंगा का कटाव इतना भयानक है कि पिछले 12 दिनों में कई घर और खेत जल में समा गए हैं। महिलाएं सुबह-शाम गंगा किनारे बैठकर गीत गा रही हैं, माँ गंगा से विनती कर रही हैं कि वह गाँव के अंदर और न जाएं। उनका कहना है कि “हमारा आशियाना उजड़ चुका है, रहने को कोई ठिकाना नहीं।”

गाँव में बचे हुए लोगों का कहना है कि शासन-प्रशासन की लापरवाही से उनका जीवन खतरे में है। महिलाएं, जिनमें राधा देवी, आशा देवी और रिणा देवी शामिल हैं, अपने दर्द को साझा कर रही हैं और गंगा के प्रति अपनी श्रद्धा को गीतों के माध्यम से व्यक्त कर रही हैं।

गंगा नदी का आक्रोश और ग्रामीणों की मुश्किलें, दोनों ही अब एक गंभीर समस्या बन गए हैं। महिलाएं थक-हारकर गंगा मैया को रिझाने में जुटी हुई हैं, यह उम्मीद करते हुए कि उनकी प्रार्थनाएं सुन ली जाएंगी।

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