नारायणपुर : गंगा दियारा में कटाव से तटीय किसानों की जमीन गंगा में समा रही है, जिससे किसानों में मायूसी है. खेती किसानी से जीवन-यापन करने वाले किसानों में दहशत है. चहौद्दी दियारा के किसान ननकू मंडल ने बताया कि हमरो सब्भी खेत गंगा में कटी गेलौ छै.कहुना आधी बटईया करी कै जीवन यापन करै छियै. किसान सुन्नी यादव ने बताया कि उनकी जमीन हरिहरपुर (अमरी )में गंगा कटाव में कट गयी. अमित मंडल ने बताया कि करीब सौ किसानों की जमीन कट चुकी है. बाकी जमीन कटाव की जद में है. ग्रामीण वीरेंद्र मंडल ने कहा कि कटाव से लोग अपना घर मुख्यधारा से हटा कर लगभग दो किलोमीटर की दूरी पर बनाया है. किसान भवेश यादव ने कहा कि हमारी 10 बीघा पैतृक जमीन गंगा में समा गयी है. शेष बची जमीन व पशुपालन से जीवन यापन हो रहा है. दुधैला मौजा के कृषक बाबूलाल मंडल की पांच बीघा खेती योग्य जमीन जिसमें मक्का, गेहूं ,परवल आदि की अच्छी पैदावार होती थी कटाव के भेंट चढ़ गया. ग्रामीण चिकित्सक शैलेश कुमार शशि ने बताया कि उनका आठ बीघा, नागेश्वर मंडल का चार बीघा, दशरथ मंडल का 20 बीघा पैतृक जमीन, फुचो मंडल की सात बीघा व पशुपालक प्रेमलाल मंडल की डेढ़ बीघा जमीन गंगा कटाव से प्रभावित है. सूबे के पूर्व गन्ना मंत्री स्व ब्रह्मदेव मंडल के पौत्र रंजीत मंडल ने बताया कि हमलोगों की लगभग 10 बीघा पैतृक जमीन कटाव से प्रभावित है. कुछ इसी तरह का हाल अन्य तटीय किसानों का है.
कटाव के मुहाने पर आ गया है मवि चहौद्दी दियारा
बैकंठपुर दुधैला पंचायत के वार्ड छह स्थित मध्य विद्यालय चहौद्दी दियारा कटाव के मुहाने पर आ गया है. इस विद्यालय को दियारा में रह रहे बच्चों को शिक्षित करने के उद्देश्य से डीपीइपी-3 कार्यक्रम के तहत वर्ष 2000 में स्थापित किया गया है, जो अब गंगा की कटाव का दंश झेल रहा है. इस विद्यालय में छह कमरा व एक कार्यालय है. एक शिक्षक वीरेंद्र कुमार मंडल व एक शिक्षिका अंजू मिश्रा 84 लड़की व 98 लड़कों को पढ़ाते हैं.
पहले भी कट चुका है विद्यालय
ग्रामीण बताते हैं कि इस पंचायत के दो विद्यालय पहले भी गंगा की कटाव में कट चुके हैं. मध्य विद्यालय बैकंठपुर दियारा व मध्य विद्यालय दुधैला-2 क्रमश: 2016 व 2017 में कट चुका है़ प्रधानाध्यापक वीरेंद्र कुमार मंडल ने बताया कि विद्यालय से संबंधित कटाव की जानकारी सभी वरीय पदाधिकारी को दी गयी है. वार्ड सदस्य हजारी मंडल ने बताया कि गंगा कटाव से विद्यालय की दूरी महज 12 फीट रह गयी है. विद्यालय कभी भी गंगा में समा सकता है.