रंगरा प्रखंड क्षेत्र में एक बार फिर बाढ़ के पानी का दस्तक लोगों के घरों के आसपास शुरू हो गया है। बीते 1 सप्ताह तक गंगा के जलस्तर में गिरावट होने से लोगों ने जहां राहत की सांस ली थी। वही जलस्तर बढ़ने से लोगों की परेशानी भी बढ़ने लगी है। जैसे जैसे गंगा के जलस्तर में वृद्धि हो रहा है, लोगों ने एक बार फिर विस्थापन के लिए ऊंचे स्थानों की तलाश शुरू कर दी है।
लिहाजा एक माह से विस्थापित होकर कटरिया रेलवे स्टेशन, नेशनल हाईवे 31, स्कूल सहित मुख्य सड़क मार्ग के अलावे ग्रामीण सड़कों पर अपने परिवार सहित मवेशी लेकर बसेरा बनाए हुए थे। जलस्तर गिरने से लोग वापस अपने घरों की ओर लौट हीं रहे थे कि फिर से पिछले 3 दिनों से लगातार पानी बढ़ने से लोग सड़कों पर आ गए हैं।
एक बार फिर लोगों के सामने मूलभूत सुविधाओं की कमी सताने लगी है। लोग शुद्ध पानी और शौचालय के लिए भटकने लगे हैं। वहीं दूसरी तरफ प्रशासन अभी गंगा के जलस्तर में वृद्धि को लेकर वेट एंड वॉच के मूड में है। जबकि.
कोसकी पुर सहोड़ा, मदरौनी, सधुआ चापर, तीनटंगा दियारा उत्तर और दक्षिण पंचायत के 10000 बाढ़ पीड़ित परिवार अपने मूल निवास से पलायन कर चुके हैं। बाहर हाल प्रशासन इस स्थिति को सामान्य मान रहा है जबकि आम लोगों के बीच में दहशत का माहौल फिर से एक बार छा गया है।