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नवगछिया के इस्माइलपुर के बिंदटोली तटबंध के सौ से दो सौ मीटर तक टूटने से गंगा नदी के कटाव ने विकराल रूप धारण कर लिया है, जिससे गोपालपुर प्रखंड के मकनपुर पंचायत से लेकर तिनटंगा पंचायत तक के आठ गांव पूरी तरह बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। बाढ़ से इलाके में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

तटबंध के टूटने से बुद्धूचक और बिंदटोली गांव के पास बाढ़ के कारण सड़कें और घर पानी में डूब गए हैं। गंगा का जलस्तर अपने अधिकतम स्तर के कुछ ही सेंटीमीटर नीचे पहुंच चुका है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि जलस्तर में थोड़ी भी वृद्धि होती है, तो यह 2021 के जलस्तर का रिकॉर्ड तोड़ सकता है। सैदपुर, नवगछिया और तिनटंगा की मुख्य सड़कों पर कई किलोमीटर तक बाढ़ का पानी बह रहा है, जिससे सड़कें धंसने लगी हैं और यातायात पूरी तरह बाधित हो गया है।

बाढ़ के कारण सैदपुर प्रखंड मुख्यालय, स्वास्थ्य केंद्र, और थाना परिसर में दो से तीन फीट पानी भर गया है, जिससे स्थानीय निवासियों का जीवन कठिन हो गया है। बाढ़ की तबाही से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में लोगों के घरों में पानी घुस चुका है, जिससे वे अपने घर छोड़ने को मजबूर हो गए हैं। सड़क पर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है, और कई जगहों पर सड़कों का अस्तित्व खत्म होने लगा है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि बाढ़ की स्थिति और तटबंध के टूटने को लेकर जिला प्रशासन से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय तक सभी ने नजर रखी थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। जल संसाधन विभाग ने तटबंध की मरम्मत में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करने का वादा किया था, लेकिन महीनों बीत जाने के बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

यहां तक कि गंगा का जलस्तर अपेक्षाकृत कम रहने के बावजूद तटबंध ध्वस्त हो गया, जिससे लोग दोबारा बाढ़ का कहर झेलने को मजबूर हैं। बाढ़ के पानी के दूसरी बार फैलने के बावजूद विभाग द्वारा अभी तक तटबंध की मरम्मत की कोई ठोस पहल नहीं की गई है, जिससे लोगों में रोष व्याप्त है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि जल संसाधन विभाग की लापरवाही और प्रशासन की निष्क्रियता ने इस संकट को और बढ़ा दिया है। पथ निर्माण विभाग और जल संसाधन विभाग ने भी इस बाढ़ की विकट स्थिति को देखते हुए कोई विशेष पहल नहीं की है। अब तक प्रशासन ने केवल 12 नावों की व्यवस्था की है और दो सामुदायिक किचन चलाने की तैयारी की गई है, लेकिन यह प्रयास प्रभावित लोगों के लिए अपर्याप्त साबित हो रहे हैं।

सैदपुर के ग्रामीणों का कहना है कि जिला प्रशासन ने केवल एक बार द्वारा निरीक्षण किया है, जबकि पिछले बार डीआईजी और जिला पदाधिकारी यहां कैंप कर रहे थे। वहीं इस संबंध में
गोपालपुर के अंचलाधिकारी रोशन कुमार ने बताया कि एडीएम द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया गया है और एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को अलग-अलग स्थानों पर तैनात किया गया है। इसके बावजूद बाढ़ के पानी का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, और लोगों की चिंता भी बढ़ती जा रही है कि कहीं और बारिश होने पर स्थिति और खराब न हो जाए।

गंगा का जलस्तर अब भी अपने अधिकतम जलस्तर के करीब है, और यदि बारिश जारी रही, तो बाढ़ और भी विकराल रूप ले सकती है। स्थानीय लोग अब प्रशासन से जल्द से जल्द उचित कार्रवाई और स्थायी समाधान की मांग कर रहे हैं ताकि ऐसी आपदाओं से बचा जा सके।

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