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  • मृतक के शरीर पर आठ जगहों पर है गंभीर जख्म
  • 10 से 15 की संख्या में अपराधियों ने घटना को दिया अंजाम
  • घटना के वक्त मौजूद अन्य लोगों डरा धमका कर, कंबल ओढ़ कर मुंह ढंक लेने को कहा फिर सूरज को मारी गोली
  • इलाकाई परंपरागत कुश्ती का बड़ा नाम था सूरज पहलवान

नवगछिया – नदी थाना क्षेत्र के जयरामपुर गरैया बहियार में गुरुवार और शुक्रवार की दरम्यानी रात को अपने बासा पर सो रहे ग्रामीण कुश्ती के नामी पहलवान लत्तीपुर निवासी सूरज यादव उर्फ सूरज पहलवान (33) की अपराधियों ने गोली मार कर हत्या कर दी है. अपराधियों ने सूरज की हत्या के बाद शव को घसीटते हुए उसके बासा से एक किलोमीटर दूर ले जा कर फेंका था. सुबह स्थानीय ग्रामीणों और नदी थाने की पुलिस द्वारा काफी मशक्कत के बाद शव को बरामद किया गया. मृतक के शरीर पर पेट, कनपटी, सर, पीठ, ओठ आदि कुल आठ जगहों पर गोली लगने का निशान है. जबकि मृतक का पूरा शरीर धूल धूसरित है. जिससे अंदाज लगाया जा रहा है कि उसे जमीन पर काफी दूर तक घसीटा गया है. नदी थाने की पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिये अनुमंडलीय अस्पताल भेज दिया, जहां गोलियों से छलनी शरीर को देख कर चिकित्सकों ने पोस्टमार्टम करने में असमर्थता जाहिर करते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिये जिला अस्पताल रेफर कर दिया.

नवगछिया के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी दिलीप कुमार ने अस्पताल पहुंच कर परिजनों से घटना के संदर्भ में जानकारी ली है. जबकि नदी थाना के थानाध्यक्ष अशोक कुमार और आनि रामचंद्र यादव ने घटना स्थल पर पहुंच कर मामले की तहकीकात की है. परिजनों ने जानकारी देते हुए कहा कि सूरज के परिवार वालों ने गरैया बहियार में पिछले दिनों हरे घास की खरीददारी की थी. इसी कारण सूरज और उसके चचेरे भाई करीब 50 की संख्या में भैंस रखते थे और गरैया बहियार में ही रहते थे. जिस वक्त घटना हुई उस वक्त बासा पर रणवीर यादव, रंजीत यादव, मंटू यादव समेत एक अन्य भी मौजूद था. बताया जा रहा है कि करीब डेढ़ बजे रात्रि 10 से 15 की संख्या में हरवे हथियार के साथ आ धमके अपराधियों पहले बासा पर सो रहे लोगों के चेहरे पर टॉर्च जला कर पहचान की. जब अपराधियों ने सूरज को पहचान लिया तो बासा पर सो रहे अन्य लोगों को गन प्वाइंट पर ले कर कंबल ओढ़ने को कहा गया. डर के मारे सबों ने कंबल ओढ़ लिया. एक ने कंबल हटाना चाहा तो अपराधियों ने उसके मुंह में देशी कट्टा घुसा दिया. उसी वक्त अपराधियों ने सूरज को दो गोली मार दी थी.

फिर उसे बिस्तर से उतार कर घसीटते हुए वहां से दूर ले कर चले गए. बासा पर मौजूद लोगों के अनुसार इसके बाद अपराधियों ने आठ से दस चक्र गोली चलायी. सुबह घटना की सूचना परिजनों को दी गयी तो पुलिस के साथ परिजन बहियार पहुंचे. काफी खोजबीन करने के बाद मृतक का शव बासा से एक किलोमीटर दूर जयरामपुर निवासी किसान कल्याण सिंह के खेत के पास एक गड्ढेनुमा स्थल से बरामद किया गया. सूचना के बाद मृतक के पिता मटरू यादव और भाई राजकुमार यादव बहियार पहुंचे थे. परिजनों ने बताया कि गरैया में वे लोग घास की खरीददारी कर मवेशी रख रहे हैं, इस कारण बहियार में उसकी किसी से भी दुश्मनी नहीं है. लेकिन दो वर्ष पहले लत्तीपुर बहियार में सूरज और उसके पिता मटरू यादव की गांव के लोगों ने ही पिटाई कर दी थी. जिसके बाद सूरज लंबे समय तक इलाजरत रहा था. मामले में सूरज ने प्राथमिकी भी दर्ज करायी थी. जिसमें लत्तीपुर के ही पप्पू, सकला, रबिलबा को नामजद किया गया था. उस वक्त मारपीट का कारण जमीन विवाद बताया गया था. बहरहाल परिजनों का बयान कलमबद्ध करने की प्रक्रिया शुरु कर दी गयी है.

एसडीपीओ ने कहा

एसडीपीओ ने कहा कि हत्या का स्पष्ट कारणों का अब तक पता नहीं चल सका है. गोली मार कर हत्या की गयी है. पुलिस मामले की छानबीन कर रही है. जल्द ही अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

मृतक के घर पर रुदन क्रंदन से गमगीन हुआ माहौल

इधर मृतक पशुपालक किसान सूरज की हत्या की खबर सुनकर मां कुसमा देवी, पत्नी कोमल देवी, बहन माधुरी देवी, माखो देवी, कंचन देवी, मंचो देवी व सुलेखा देवी आदि का रो – रो कर बुरा हाल हो रहा था. मां व पत्नी बार -बार बेहोश हो जा रही थी. जिसे मुहल्ले की महिलाएं किसी तरह चुप करा रही थी. किसान तीन छोटे -छोटे बच्चे है, जिसमें एक चार साल का आदर्श कुमार, तीन साल की आरुषि व आठ माह का आरव कुमार है. इन बच्चे से सिर से पिता का साया उठ गया. परिवार के सामने भरण -पोषण की समस्या उत्पन्न हो गई है. क्योंकि पशुपालक किसान घर में अकेला कमाने वाला था. किसान सूरज की हत्या से मुहल्ले में सन्नाटा पसरा हुआ है. लोग दबी जुबान से चर्चा कर रहे थे कि कहीं मुखबरी करने में तो जान नही गई. ऐसा तो नही है की अपराधी दियारे में किसानों व पशुपालकों में डर व दहशत का माहौल बनाकर रंगदारी वसूलना चाह रहा है. लेकिन कोई खुल कर कुछ नही बता पा रहा था. कोसी दियारे में कई आपराधिक गिरोह सक्रिय है.

इलाकाई ग्रामीण कुश्ती में था सूरज पहलवान का नाम

ग्रामीण परंपरागत कुश्ती में सूरज पहलवान एक बड़ा नाम था. हालांकि पिछले तीन सालों से सूरज पहलवान अखाड़े में नहीं दिख रहा था. इसका कारण कोरोना काल और सूरज के साथ दो वर्ष पहले हुई मारपीट की घटना है. स्थानीय लोग बताते हैं कि सूरज महज पांच फीट पांच इंच का था, लेकिन अखाड़े में बड़े बड़े पहलवानों को आसानी से चित कर देता था. दाव पेंच में सूरज का कोई जोड़ न था. कुश्ती प्रेमियों को लग रहा था कि सूरज एक बार फिर से अखाड़े पर कमबैक करेगा लेकिन अपराधियों ने लोगों की इस उम्मीद पर पानी फेर दिया. सूरज नई पीढ़ी के पहलवान थे, इसलिये उनसे काफी उम्मीद थी. सूरज की हत्या से कुश्ती प्रेमी भी मायूस हैं.

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