ढोलबज्जा: पक्षी वैज्ञानिक सह मुंबई हिस्ट्री सोसाइटी के पूर्व निदेशक डॉ असद रहमानी ने गुरुवार को कदवा पहुंच कर गरूड़ का अवलोकन किया. साथ में देश के विख्यात वन जीव-जंतु के फोटोग्राफर धृतमान मुखर्जी, मंदार नेचर क्लब के संस्थापक अरविंद मिश्रा व फील्ड रिसर्च वर्कर जयनन्दन मंडल भी शामिल थे. मध्य विद्यालय खैरपुर कदवा पहुंचने के बाद गरूर गार्जियन बालमुकुंद सिंह, डॉक्टर नगीना राय, अशोक सिंह, अरुण यादव व प्रधानाध्यापक अजय झा ने सभी पक्षी प्रेमियों को पुष्प माला पहना कर स्वागत किया.
वहीं फील्ड रिसर्च वर्कर जयनंदन मंडल ने पक्षी वैज्ञानिक असद रहमानी को अपने हस्तलिखित स्मृति पत्र देकर सम्मानित किया है. उसके बाद सभी ने एसबीओ अमन कुमार, शुभम कुमार, नितेश कुमार, उत्तम कुमार व वनपाल प्रमोद कुमार के साथ उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खैरपुर कदवा परिसर में चार कदम के पौधारोपण किया. जहां अरविंद मिश्रा ने कदवा वासियों से अपील करते हुए गरूड़ संरक्षण को लेकर कहा कि- जिस तरह गरूड़ ने कदवा को विश्व के भगोलिक मानचित्र पर अपनी पहचान बनाई है, उसके लिए कदम-कदम पर कदम के पेड़ हो. आज यहां की चर्चा देश-विदेशों में हो रही है. लोग पर्यटक के रूप में गरूड़ देखने कदवा आ रहे हैं.
इसमें सभी लोगों को एकजुट होकर गरूड़ के संरक्षण के लिए सोचना चाहिए. यदि गरूड़ यहां से चले गए तो, हम सब भी मानचित्र से हट जाएंगे. वहीं पक्षी वैज्ञानिक असद रहमानी ने गरूड़ के संरक्षण को देख कदवा वासियों के प्रति आभार प्रकट करते हुए काफी सराहना भी किया. उन्होंने बताया कि- यदि विश्व में 1200-1600 गरूड़ हैं तो, उसमें से करीब 600 गरूड़ अकेले नवगछिया के कदवा दियारा इलाके में है. मौके पर गरूड़ सेवियर राजीव कुमार, प्रिंस प्रभात, राहुल कुमार, प्रिंस कुमार उर्फ प्रभाष यादव, बिक्रम कुमार, विजय कुमार, मुकेश कुमार, अमित कुमार व संतोष कुमार भी उपस्थित थे. उसके बाद सभी पक्षी प्रेमियों ने गंगानगर कदवा, कासीमपुर, बालू घाट समीप कोसी धार व बगड़ी टोला जा कर दूरबीन से गरूड़ को देखा और उसकी तस्वीरें अपने कैमरे में कैद की. साथ में गरूड़ गार्जियन अरूण यादव के साथ सेवियर मनीष कुमार मौर्या मौजूद थे.