


नवगछिया। गोपालपुर प्रखंड के लत्तीपकर निवासी स्व. संजय भगत की बेटी कोमल कुमारी ने इंटर विद्यालय नवगछिया से इंटरमीडिएट की कॉमर्स परीक्षा में 461 अंक लाकर जिले में प्रथम स्थान प्राप्त किया। कोमल की इस कामयाबी ने उसकी मां रूबी देवी की मेहनत और संघर्ष को सलाम करने पर मजबूर कर दिया।
दस साल पहले कोमल के पिता की जॉन्डिस से मौत हो गई थी। उस वक्त कोमल छोटी थी। पति के निधन के बाद रूबी देवी ने हार मानने के बजाय हिम्मत दिखाई और दूसरे के घरों में झाड़ू-पोछा लगाकर बड़ी बेटी को पढ़ाने का संकल्प लिया। कोमल ने उच्च विद्यालय लत्तीपकर से मैट्रिक की परीक्षा में 442 अंक लाकर प्रथम श्रेणी से सफलता प्राप्त की थी। बेटी की इस सफलता को देखकर रिश्तेदार और शिक्षक सोनू उसे नवगछिया ले आए और इंटर उच्च विद्यालय में उसका नामांकन करवा दिया।

कोमल की मां रूबी देवी ने बताया कि उनकी बेटी बचपन से ही पढ़ाई में तेज थी। उन्होंने कहा कि वह दूसरों के घरों में काम करके अपने बच्चों को पढ़ा रही हैं। कोमल तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी है। उसका छोटा भाई आदित्य दुकान में नौकरी करता है, जबकि सबसे छोटी बहन पायल पढ़ाई कर रही है।
मां के आंसुओं में छलका गर्व और खुशी
जब परीक्षा परिणाम आया, उस समय रूबी देवी दूसरे के घरों में बर्तन मांज रही थीं। बेटी के जिला टॉपर बनने की खबर मिलते ही उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े। मां को यकीन हो गया कि उनकी तपस्या रंग लाई है।
मां और गुरु की प्रेरणा ने दिलाई सफलता
कोमल ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां और शिक्षक सोनू को दिया। उसने कहा, “पिता की मृत्यु के बाद मां ने दूसरों के घरों में मेहनत-मजदूरी कर पोछा लगाकर हमें पढ़ाया। मां के अलावा मेरे शिक्षक सोनू सर ने हमेशा मेरा हौसला बढ़ाया, जिससे मैं आज इस मुकाम पर पहुंची हूं।”
कोमल ने बताया कि उसकी रेणु दादी और सोनू सर हमेशा कहते थे कि हिम्मत मत हारना, एक दिन तुम परिवार का नाम रोशन करोगी।

पंद्रह घंटे की मेहनत से मिलेगी सफलता
कोमल ने कहा कि उसकी शुरुआत से ही बैंकिंग क्षेत्र में जाने की इच्छा थी, इसलिए उसने कॉमर्स का चयन किया। उसने छात्रों को सलाह दी कि वे शुरू से ही पढ़ाई पर फोकस करें और ईमानदारी से पंद्रह घंटे मेहनत करें, सफलता अवश्य मिलेगी।