भागलपुर: नगर निगम में लचर व्यवस्था को लेकर नगर आयुक्त के खिलाफ पार्षदों ने मोर्चा खोल दिया है। सोमवार की सुबह 11 बजे से नगर आयुक्त के कार्यालय के समक्ष मेयर सीमा साहा के नेतृत्व में पार्षद एक दिवसीय धरना देंगे। इस बार अगली कतार में महिला पार्षद आवाज बुलंद करेंगी। जबकि पांच बजे होने वाली स्थायी समिति की बैठक के दौरान नगर आयुक्त के साथ महिला पार्षदों का घमासान होगा। इस दौरान पार्षद उनसे कार्यो का हिसाब भी मांगेंगे। अगर, इससे भी अधिकारी नहीं मानेंगे तो चरणबद्ध आदोलन व प्रदर्शन का पार्षदों ने निर्णय लिया है। इसको लेकर खरमनचक में रविवार को डिप्टी मेयर राजेश वर्मा के आवास पर मेयर सीमा साहा की अध्यक्षता में पार्षदों की बैठक बुलाई गई थी।
बैठक में पार्षद उमर चांद, उमर चांद, गोविंद बनर्जी, शिवानी देवी आदि ने कहा कि लाखों रुपये का मास्क कागजों पर बांट दिया गया है। विकास कार्य पर विराम लगाने वाले अधिकारियों को अब सबक सिखाना होगा। नगर आयुक्त व उपनगर आयुक्त के नकारा रवैये के कारण शहर का विकास कार्य ठप हो चुका है। 70 करोड़ की योजनाएं लंबित है। फाइलों पर कुंडली मार कर बैठे हैं अधिकारी
मेयर सीमा साहा ने कहा कि पार्षदों को हमारा पूरा सहयोग मिलेगा। शहर की जनता को विकास चाहिए, लेकिन अधिकारी फाइलों पर कुंडली मार बैठक हैं। वहीं, मेयर राजेश वर्मा ने कहा, नगर आयुक्त ने पार्षदों से संवाद छोड़ दिया। जब पार्षदों की समस्या को लेकर मेयर संपर्क करती हैं, तो बात नहीं करती। बोर्ड की बैठक कराने से भाग रहीं हैं। विकास कार्यो के लिए राशि है। फिर भी भुगतान है। डंपिंग ग्राउंड उपलब्ध कराने के बाद भी कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था बदहाल है। शहर के प्रवेश द्वार पर कूड़ा गिराया जा रहा है। ऐसे में नगर आयुक्त से उम्मीद कैसे रखा जाए। अगर काम नहीं करना है तो पटना चलीं जाएं। इन बिंदुओं पर घेरने की तैयारी
– निगम में पर्याप्त राशि के बाद भी सफाई कर्मियों को समय पर भुगतान नहीं करना।
– संक्रमण से बचाव को मास्क, सैनिटाइजर व साबुन पर किए गए खर्च का हिसाब नहीं देना।
– तीन वर्षो से भुगतान की वजह से विकास कार्य बाधित।
– तकनीकी कारणों का बहाना बना बार-बार संवेदकों का भुगतान लटकना।
-जनप्रतिनिधियों के प्रस्ताव व जनता की समस्या को नजरअंदाज करना।
– वार्डो में सफाई संसाधन उपलब्ध नहीं कराना।
-डंपिंग ग्राउंड का डेढ़ वर्षो से उपयोग नहीं करना
– चार वर्षो से जल-नल योजना का कार्य धरातल पर नहीं उतरना।
– घर-घर गीला व सूखा कूड़ा रखने को दो-दो कूड़ेदान उपलब्ध नहीं कराना।