बिहार के औद्योगिक क्षेत्रों में अब स्टार्टअप को भी जमीन मिलेगी। बियाडा बाकी उद्योगों की तरह ही स्टार्टअप को जमीन का आवंटन करेगा। राज्य सरकार ने विशेष भूमि आवंटन एवं माफी नीति के तहत इस प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है।
इसके पीछे मकसद बिजनेस के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देना है। बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा गत दिवस जारी की गई राज्यों की स्टार्टअप रैंकिंग में इनोवेशन लीडर तैयार करने के मामले में बिहार देश में अव्वल रहा है।
शिक्षा, श्रम, कला, नए आइडिया सहित कोई भी क्षेत्र हो, बिहारी युवा अपनी सोच और क्षमता का लोहा मनवाते रहे हैं। राज्य में स्टार्टअप नीति के तहत बिहार ने सबसे पहले नए स्टार्टअप को 10 लाख रुपए देने की व्यवस्था की, ताकि बिजनेस के क्षेत्र में नए विचारों को प्रोत्साहित किया जा सके। राज्य के तमाम युवाओं ने आगे बढ़कर इस अवसर का लाभ उठाया। मगर उनमें से किसी के सामने जमीन का संकट है, तो कोई वर्किंग कैपिटल को लेकर परेशान है। अब तक उन्हें सरकारी स्तर पर जमीन मिलने का कोई प्रावधान नहीं था।
25 प्रतिशत जमीन आरक्षित
नई नीति के तहत बियाडा के पास फिलहाल आवंटन के लिए उपलब्ध कुल जमीन में से 25 प्रतिशत को आरक्षित कर दिया गया है। यह जमीन सूक्ष्म, लघु उद्योगों और स्टार्टअप के लिए आरक्षित की गई है। इन भूखंडों का अधिकतम आकार आधा एकड़ तक होगा। बता दें कि अभी बियाडा के पास तकरीबन 3200 एकड़ जमीन आवंटन के लिए है।
सीड ग्रांट पाने वाले ले सकेंगे जमीन
बियाडा के औद्योगिक क्षेत्रों में ऐसे स्टार्टअप को जमीन मिलेगी, जिन्हें सरकार से स्टार्टअप नीति के तहत सीड ग्रांट यानी 10 लाख तक की राशि मिली है। नए स्टार्टअप को सीड फंड देने वाली राज्य निवेश परामर्शदातृ समिति अब तक 125 के लिए संस्तुति कर चुकी है। अभी इनमें से 71 को मिलना बाकी है। उद्योग विभाग के प्रधान सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने जल्द इन मामलों के निस्तारण के निर्देश दिए हैं।
स्टार्टअप को जमीन के लिए अब कहीं भटकना नहीं पड़ेगा। औद्योगिक क्षेत्र में विकसित प्लाट उन्हें किफायती रेट पर उपलब्ध हो सकेंगे।