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नवगछिया के गोपालपुर प्रखंड अंतर्गत मध्य विद्यालय डुमरिया के प्रांगण में विशाल एकदिवसीय शिव गुरु परिचर्चा का आयोजन किया गया । शिव गुरु आध्यात्मिक परिचर्चा रूपी सागर में हजारों शिव शिष्य एवं अध्यात्म प्रेमियों ने गोता लगाया। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एवं शिव शिष्य परिवार के अध्यक्ष प्रोफेसर रामेश्वर भाई ने कहा कि इस अलौकिक कालखंड में शिव ही एकमात्र ऐसे गुरु है जो सबों के गुरु हैं ।उन्होंने कहा कि मंदिरों में जाकर हमारे मन एवं आत्मा को शांति मिलती है ।मगर परमात्मा तो हमारे अंदर है। गुरु की शरण में जाकर ही हम परमात्मा को पा सकते हैं और शिव ही इस ब्रह्मांड का सच्चा गुरु है ।आगे उन्होंने कहा कि नि:सहाय, गरीब एवं दीन दुखियों के प्रति सेवा भाव एवं संसार के पशु पक्षियों सहित समस्त जीवो के प्रति दया, ममता, करुणा एवं प्रेम भाव रखनी चाहिए ।वहीं दूसरी ओर शिव शिष्य परिवार के संयोजक रामनारायण मंडल ने श्रोताओं से अपील करते हुए कहा कि शिव को अपना गुरु बनाइए एवं तीन सूत्रों का पालन करना चाहिए। लोगों के बीच गुरु शिव के प्रति आदर भाव रखनी चाहिए ।साथ ही उन्होंने कहा कि 11 दिन से लेकर 21 दिन तक लगातार तीन सू़त्रों का जप करने से तमाम भौतिक एवं संसारी दुखों से मुक्ति मिल जाती है। आगे उन्होंने कहा कि हमारे शिव गुरु इतने महान है कि लोगों के कल्याण के लिए उन्होंने हलाहल पी लिया। संसार जिस सर्प को देखकर ही कांप जाता है। उसको उन्होंने अपने गले का माला बनाया ।वही पतित पावनी गंगा को अपने जटा में समा लिया। उन्होंने कहा कि गुरु महादेव संसार के समस्त जीवों के प्रति दया भाव एवं कल्याण की भावना रखते हैं। इसलिए आज भी शिव ही गुरु है। कार्यक्रम को सफल बनाने में रोहित मंडल, भूखन ठाकुर, अधिक लाल मंडल, मानिचंद्र मंडल, लीटो मंडल, नर्मदा देवी,अनिता देवी, गायत्री देवी,गुंजन देवी।मीना कुमारी आदी लगे रहे।

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