अपने 30 वर्ष लंबे राजनीतिक जीवन में विधायक जब भी मंच पर गए तो भाषण शुरू करने से पहले लोगों को क्रांतिकारी सलाम किया और भाषण को क्रांतिकारी सलाम से ही समाप्त ही किया. वे अपने भाषणों में एक क्रांतिकारी सलाम करने का आशय भी समझाते हैं. सन 1980 के अंतिम वर्षों में ही गोपाल मंडल इलाकाई राजनीति में सक्रिय हो गए थे. उस समय की लड़ाई दूसरी थी, अपराध चरम पर था. अपने लोगों के हक हकूक और जानमाल की सुरक्षा के लिये गोपाल सामने आए और देखते ही देखते वह जनता की आवाज बन गए.
गोपाल मंडल ने 1990 का चुनाव बतौर निर्दल प्रत्याशी लड़े और 17 हजार मत लाया. सन 1995 के चुनाव में वे एक बार फिर निर्दल प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरे और 23000 वोट लेकर चुनाव हार गए. वर्ष 2000 में समता पार्टी से उन्हें टिकट मिला और 53139 वोट लाकर उन्होंने उस समय रविंद्र कुमार राणा को कड़ी टक्कर दी, लेकिन जीत से चूक गए. वर्ष 2005 के पहले चुनाव में श्री मंडल रविंद्र कुमार राणा के पुत्र अमित राणा से सात हजार मतों से पीछे रहे लेकिन जदयू से वर्ष 2005 का दूसरे विधानसभा चुनाव वे लगभग 17 हजार मतों से चुनाव जीते. इसके बाद गोपाल मंडल ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और लगातार जीतते रहे.
गोपालपुर है तो गोपाल ही रहेंगे
भाजपा और जदयू के कार्यकर्ताओं ने कहना शुरू कर दिया है कि गोपालपुर है तो गोपाल ही विधायक रहेंगे. विगत 15 वर्षों से गोपालपुर विधानसभा से गोपाल मंडल का विधायक के रूप में नाम एक पर्याय बन गया है. श्री मंडल की लगातार चौथी बार जीत को भाजपा जदयू के कार्यकर्ता ऐतिहासिक कह रहे हैं. नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल ने वर्ष 2015 में ही जीत की हैट्रिक लगा कर एक रिकॉर्ड कायम कर लिया था. गोपालपुर विधानसभा क्षेत्र में गोपाल मंडल के अलावा अब तक न तो कोई पार्टी और न ही कोई नेता हैट्रिक लगा पाया है. यह बात अलग है कि कम्युनिस्ट पार्टी के मनीराम सिंह तीन बार और कांग्रेस के मदन सिंह चार बार अलग अलग समय मे विधायक रहे.
लोजपा के मैदान में उतर आने से त्रिकोणीय हो गया मुकाबला
गोपालपुर विधानसभा में एकाएक लोजपा के मैदान में आ जाने से त्रिकोणीय संघर्ष हो गया. प्रदेश जदयू की सभी सीटों की तरह यहां भी यह डर था कि भाजपा का परंपरागत वोट लोजपा में ना शिफ्ट कर जाए. गोपालपुर विधानसभा जदयू के चुनावी रणनीतिकारों ने यह देख एड़ी चोटी का जोर लगा दिया. प्रतिद्वंदी पार्टी राजद और लोजपा ने 2 – 2 स्टार प्रचारक हेलीकॉप्टर से उतारे तो जदयू ने चार स्टार प्रचारकों को हेलीकॉप्टर से गोपालपुर विधानसभा क्षेत्र में अलग अलग जगहों पर उतारा. साहू परबत्ता में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनसभा के बाद इलाके का माहौल बदलने लगा. इस बीच मंत्री सम्राट चौधरी और केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे भी जदयू के प्रचार में उतरे. कहां जाता है कि मुख्यमंत्री की सभा से लेकर चुनाव वाले दिन तक जदयू ने मतदाताओं के मन से तमाम भ्रांतियों को दूर कर दिया जिसका परिणाम मतगणना के बाद देखा जा रहा है. विधायक नरेंद्र कुमार नीरज के के पीए मुन्ना जयसवाल ने कहा कि वह इस बात की प्रमाणिकता देख सकते हैं कि गोपाल जी ने जब भी कोई लड़ाई लड़ी तो वह लड़ाई जनता के लिए थी. उन्होंने कहा कि यही कारण है कि जनता उन्हें बढ़-चढ़कर साथ देती है. कुछ चुनावी जानकारों ने कहा कि जदयू के पक्ष में गोपालपुर विधानसभा में साइलेंट वोटर थे. इनमें महिलाओं की संख्या बहुत बड़ी है.