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छात्रों ने नारे लगाए, शिक्षकों ने बिहार के गौरवशाली इतिहास पर डाली रोशनी

नवगछिया। गोपालपुर प्रखंड स्थित ज्ञान वाटिका विद्यालय में शनिवार को बिहार दिवस के अवसर पर भाषण, चित्रांकन और स्लोगन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विद्यालय प्रधान राजेश कुमार झा ने बच्चों को बिहार दिवस का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि बिहार की धरती वीरों और महान संतों की तपोभूमि रही है। 22 मार्च 1912 को बिहार को बंगाल प्रेसीडेंसी से अलग कर पहचान मिली थी।

विद्यालय के संरक्षक नीलेश कुमार झा ने सभी शिक्षकों और विद्यार्थियों को बिहार दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि बिहार की संस्कृति महान है और इसका मान ऊंचा बनाए रखना हम सभी का कर्तव्य है। गणित शिक्षक भुवन सर ने आर्यभट्ट का उदाहरण देते हुए बताया कि उन्होंने दशमलव प्रणाली में शून्य का प्रयोग कर गणित जगत में क्रांति लाई थी।

विज्ञान शिक्षक सर्वेश सर ने नालंदा और विक्रमशिला जैसे प्राचीन विश्वविद्यालयों का उल्लेख किया, जहां देश-विदेश के छात्र अध्ययन और अनुसंधान के लिए आते थे। सामाजिक विज्ञान के शिक्षक सुमित कुमार ने जयप्रकाश नारायण का उदाहरण देते हुए कहा कि 1974 की संपूर्ण क्रांति ने देश को नया राजनीतिक और सामाजिक बदलाव दिया।

विवेक सर ने बिहार को भारत की रीढ़ बताया, जबकि अमर सर ने बिहार दिवस को संकल्प लेने का अवसर बताया, ताकि शिक्षा, उद्योग, कृषि और नवाचार के जरिए विकसित बिहार का सपना साकार हो सके। कार्यक्रम में कक्षा सप्तम के छात्र साहिल राज ने बिहार दिवस पर आधारित सुंदर चित्र बनाया। वहीं, विद्यार्थियों ने बिहार की गौरवशाली विरासत को दर्शाते हुए उत्साहपूर्वक नारे लगाए।

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