

बाल रूप में श्री राम के जीवन प्रसंगों का हुआ दिव्य वर्णन, भजनों से गूंजा विद्यालय परिसर
ज्ञान वाटिका स्कूल में सरस्वती पूजा के अवसर पर श्री राम कथा का भव्य आयोजन
नवगछिया के सिंधिया मकंदपुर स्थित ज्ञान वाटिका स्कूल में सरस्वती पूजा के पावन अवसर पर श्री राम कथा का विशेष आयोजन किया गया।

इस दौरान बच्चों को भगवान श्री राम के बाल्यकाल से जुड़े महत्वपूर्ण प्रसंगों का संगीतमय वर्णन किया गया। कार्यक्रम में पूज्य गुरुदेव परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज के सूक्ष्म सान्निध्य में शिव शक्ति योग पीठ से आचार्य प्रेम शंकर भारती जी ने अपने मुखारविंद से कथा का श्रवण कराया।
बाल रूप में श्री राम के आदर्शों का भावपूर्ण वर्णन
कथा के दौरान प्रभु श्री राम के जन्म से लेकर उनके बाल्यकाल की लीलाओं का विस्तार से वर्णन किया गया।

श्री राम के जन्मोत्सव पर पूरा विद्यालय परिसर ‘जय श्री राम’ के उद्घोष से गूंज उठा। आचार्य प्रेम शंकर भारती जी ने बताया कि किस प्रकार राजा दशरथ और रानी कौशल्या को अनेक वर्षों की तपस्या के बाद पुत्र प्राप्ति का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि प्रभु श्री राम का जन्म केवल एक राजा के रूप में नहीं, बल्कि अधर्म के विनाश और धर्म की स्थापना के लिए हुआ था।
इसके बाद गुरुकुल शिक्षा, बाल रूप में शौर्य प्रदर्शन, ताड़का वध और सीता स्वयंवर जैसे प्रसंगों को रोचक तरीके से सुनाया गया। बच्चों ने अत्यंत श्रद्धा और रुचि के साथ कथा का श्रवण किया।

भजनों और संगीतमय प्रस्तुति से भक्तिमय हुआ माहौल
कथा के दौरान भक्तिमय माहौल बनाने के लिए प्रसिद्ध गायक सुबोध दा, अशोक महाराज, बालक पुष्कर केशव और नाल वादक पिंटू जी ने भजन प्रस्तुत किए। जैसे ही “श्री रामचंद्र कृपालु भज मन, हरण भव भय दारुणम्” गूंजा, पूरा वातावरण भक्ति से सराबोर हो गया।
विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने भी “राम लला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे” जैसे भजनों को गाकर समा बांध दिया। श्रद्धालुओं ने भक्ति भाव से झूमते हुए इन प्रस्तुतियों का आनंद लिया।

विद्यालय के प्राचार्य और संस्थापक का संदेश
विद्यालय के संचालक सह प्राचार्य राजेश कुमार झा ने कहा—
हमारा उद्देश्य केवल शिक्षा देना ही नहीं, बल्कि बच्चों को भारतीय संस्कृति और संस्कारों से जोड़ना भी है। श्री राम कथा के माध्यम से बच्चों को जीवन में सत्य, धर्म और कर्तव्य के महत्व को समझाने का प्रयास किया गया है।
संस्थान के संस्थापक नीलेश कुमार झा ने कहा—
ज्ञान वाटिका स्कूल बच्चों के मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक विकास पर बल देता है। इस तरह के धार्मिक आयोजन बच्चों के भीतर नैतिकता और अनुशासन का विकास करते हैं। श्री राम के आदर्शों को आत्मसात कर वे अपने जीवन को उज्जवल बना सकते हैं।
श्रद्धालुओं को मिला प्रसाद, हवन और आरती से हुआ समापन
कथा के समापन पर श्री रामचरितमानस का पाठ किया गया, जिसके बाद हवन-पूजन संपन्न हुआ। श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया गया और अंत में श्री राम आरती के साथ कार्यक्रम का विधिवत समापन हुआ।

इस आयोजन ने पूरे विद्यालय परिसर को भक्तिमय बना दिया और बच्चों के मन में प्रभु श्री राम के प्रति गहरी श्रद्धा उत्पन्न की। ज्ञान वाटिका स्कूल में आयोजित इस आध्यात्मिक कार्यक्रम की सभी ने भूरी-भूरी प्रशंसा की।