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रंगरा के ज्ञानीदास टोला में बोल्डर पिचिंग का कार्य फिर 20 मीटर धसाने से ग्रामीणों में दहशत है. रंगरा चौक प्रखंड के ज्ञानीदास टोला में 15 करोड़ रुपये से बोल्डर पिचिंग का कार्य गांव को बचाने के लिए किया गया था. कार्य में भारी अनियमितता बरती गयी. संवेदक और अभियंता के मिलीभगत से कार्य दोयम दर्जे का करवाया गया. बोल्डर पिचिंग कार्य में लगातार धसान हो रहा है. पांच दिन पूर्व भी बोल्डर पिचिंग में धसान हुआ था. वर्ष 2022 में गंगा नदी के भीषण कटाव में ज्ञानीदास टोला,

बीनटोल के लगभग दो सौ से अधिक परिवारों का घर कट कर नदी में विलीन हो गया. गांव को बचाने के लिए कटाव निरोधी कार्य की काफी दिन बाद स्वीकृति मिली. 600 मीटर में बोल्डर पिचिंग करवाना था. कार्य देर से आरंभ हुआ. आनन-फानन में कार्य को बाढ़ कैलेंडर के अनुसार तय समय पर पूरा कर दिया गया, किंतु कार्य में घोर लापरवाही बरती गयी. कार्य में छोटे-छोटे पत्थर दिये गये. जाली भी कमजोर दी गयी. तीन माह में ही पानी के पहली दबाव में बोल्डर पिचिंग का कार्य भर भरा का नदी में समाने लगा.

पहली बार 50 मीटर में बोल्डर पिचिंग में धसान हुआ था. उस कार्य को जल संसाधन विभाग रिस्टोर भी नहीं कर पाया कि 20 मीटर के कार्य में फिर से धसान शुरू हो गया.
कटाव से गांव के लोग सहमे हैं. प्रधानमंत्री सड़क योजना से बनी दुर्गा मंदिर जाने वाली सड़क कटाव की चपेट में है. करीब आधी सड़क कट चुकी है. यदि यह सड़क कट जाती है, तो झल्लूदास टोला व ज्ञानीदास सहित आधा दर्जन गांव का सड़क से संपर्क भंग हो जायेगा. जल संसाधन विभाग कटाव रोकने के लिए फ्लड फाइटिंग के तहत कार्य कर रहा है, लेकिन यह कार्य ऊंट के मुंह में जीरा के समान है. इससे कटाव रुकने वाला नहीं है.

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