5
(2)

नवगछिया : श्री रामचंद्रचार्य परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज की अध्यक्षता में खरीक के पूरबटोला, ध्रुवगंज के खुले मैदान (नैमिषारण्य) में शरदोत्सव सत्संग और नैमिषारण्य ऋषि-मुनि सत्संग आयोजित किया गया। विवेकानंद कुंवर कन्हाय बाबू ने सत्संग का संयोजन किया। ‘शरदोत्सव सत्संग’ की महत्ता एवं नैमिषारण्य की सार्थकता को समझाते हुए स्वामी आगमानंद ने कहा कि इस पवित्र स्थान को कई सिद्ध संत-महात्माओं की चरणधूलि से स्नान करने का सोभाग्य प्राप्त है।

सत्संग समारोह को रासेश्वर श्रीकृष्ण और रासेश्वरी श्रीराधारानी जी सहित गोपियों के संग रचे महारास से उत्पन्न सुमधुर ध्वनि की हो रही बारिश में भींजने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। भक्तजनों से घिरे परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज ने जीवन को मधुमय बनाने के निमित तत्काल ही स्वरचित एक भजन को सुनाकर लोगों को रस से सराबोर कर दिया। दिलीप शास्त्री, मृत्युंजय कुंवर, पंडित प्रेमशंकर भारती, स्वामी मानवानंद, मनोरंजन प्रसाद सिंह, शियाशरण पोद्दार, प्रो. डॉ ज्योतीन्द्र चौधरी, प्रो. (डॉ.) संजय कुमार झा, गीतकार राजकुमार, भजन के माध्यम से सुबोध दा, सुबोध दा के साथ तबला पर संगत कर रहे धर्मानंद दा, सुमन भारद्वाज ‘पुष्पा जी’ आदि कई सत्संग प्रेमियों ने अपने-अपने विचार व्यक्त किये।

गीतकार राजकुमार ने जीवन में सत्संग की आवश्यकता, सद्गुरु की महत्ता और महारास की प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इन सारी जीवनोपयोगी प्रसंगों को हम तभी अनुभव कर सकते हैं जब हमारी अंतः चेतना परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज जैसे सिद्ध सद्गुरु से जुड़ी होती है। तभी उन्होंने आज के अतुलित एवं अविस्मरणीय सत्संग को परिभाषित करते हुये अपनी काव्य रचना के माध्यम से कहा- है ‘नैमिषारण्य’ में, छाई हुई उमंग, क्योंकि स्वयं गुरुदेव (आगमानंद जी) ही, करा रहे सत्संग। युग-युग से जो बाँटते, रहे ‘राज’ आनंद, पुनः वही हो अवतरित, हुये ‘आगमानंद’। इस अवसर स्वामी शिव प्रेमानंद ‘भाई जी’, कुंदन बाबा, पं.अनिरुद्ध शास्त्री, दीपक यादुका, विवेक जी, चाहत सहित वहां के भगवतप्रेमी सभी ग्रामीण उपस्थित थे।

Aapko Yah News Kaise Laga.

Click on a star to rate it!

Average rating 5 / 5. Vote count: 2

No votes so far! Be the first to rate this post.

Share: