सड़कों को जाम कर किया प्रदर्शन, कानून वापस लेने की कर रहे मांग
नवगछिया : केंद्र सरकार द्वारा नए हिट एंड रन कानून का देश भर में विरोध हो रहा है। ज्यादातर राज्यों में ट्रक चलाने वाले इस कानून का विरोध कर रहे हैं। क्योंकि इसके तहत अब ज्यादा कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। नए हिट एंड रन कानून लाने के बाद इसका पुरजोर विरोध हो रहा है। वहीं नवगछिया के विभिन्न जगहों पर ट्रक और बस चालक सड़क को जाम कर प्रदर्शन कर रहे है । भागलपुर सहित नवगछिया के बस स्टैंड पर ड्राइवरों ने अपनी बसें खड़ी कर दी तो वहीं हाईवे पर ट्रकों के पहिए थमे नजर आएं। बसें नहीं चलने की वजह से यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ट्रक और बस चालक नवगछिया के जाहन्वी चौक समेत मुरली और नवगछिया बस स्टैंड के नजदीक विरोध जता रहे है, ट्रक ड्राइवरों ने अपने वाहनों को हाईवे पर खड़ा कर दिए है, जिससे हाईवे पर आवागमन ही बंद हो गया है।
हाईवे पर जाम लगाने की वजह से छोटे वाहनों को भी नहीं निकलने दिया, जिससे हाईवे पर वाहनों की लंबी कतार लग गई है। चालकों ने बताया कि नए हिट एंड रन कानून जो लाया गया है वो सरासर गलत है। कोई ड्राइवर जानबूझकर किसी पर गाड़ी नहीं चढ़ा देता है और हमेशा ड्राइवर की ही गलती नहीं होती है। इस कानून में ये बताया गया है की अगर आपकी गाड़ी से किसी की दुर्घटना होती है तो आप उसे अस्पताल लेकर जाइए। ये मानवता के लिए सही है लेकिन जब इस तरह की घटना होती है तो सबसे पहले ड्राइवर अपनी जान बचाने की कोशिश करता है। अगर ड्राइवर उस समय घायल को अस्पताल ले जाने की सोचेगा तो पब्लिक उसे उसी जगह मार देगी। इस लिए हमलोग मांग करते हैं कि इस कानून को वापस लिया जाए वरना हमलोग चरणबद्ध आंदोलन करेंगे।
मिथुन कुमार, ट्रक चालक ने कहा की सरकार से यही मांग है की ड्राइवर का जो पहले से नियम था वही लागू करें, नया नियम बिल्कुल बेतुका है। सात लाख रुपया कहां से कोई लायेगा। अमित शाह से यही कहना चाहते है की इस पर फिर से विचार करें। कानून में संशोधित कर के ड्राइवर के हित में लागू किया जाएगा। इस कानून को वापस लें सरकार।
कुंदन कुमार, चालक ने कहा की गरीब आदमी सात लाख कहां से लायेंगे और कैसे 10 साल की सजा काटेंगे। बीबी बच्चा को कौन देखेगा अगर हम जेल जाएंगे। अगर ट्रक चालक ट्रक चला रहा है यदि कोई शराब पीकर ट्रक के चक्का की नीचे आ जायेगा तो इसमें ट्रक ड्राइवर की क्या गलती है। सरकार से यही कहना है की नए कानून को वापस ले लें।