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  • ग्रामीणों और बुद्धिजीवी वर्ग के लिये बना चिंता का विषय

नवगछिया – इस्माइलपुर पश्चिम भिट्ठा के लोग इनदिनों बच्चों की शिक्षा को लेकर बेहद चिंतित हैं. वार्ड नंबर पांच स्थित मध्य विद्यालय में तीन विद्यालयों मध्य विद्यालय, उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय और उच्चतर माध्यमिक विद्यालय एक साथ संचालित किया जा है. कुल 1200 बच्चे नामांकित हैं लेकिन प्रधानाध्यापक सहित कुक आठ शिक्षक ही 1200 बच्चों को पढ़ा रहे हैं. ऐसी स्थिति में क्या पढाई होती होगी, अंदाज लगाया जा सकता है. विद्यालयों को सरकार और शिक्षा विभाग ने उत्क्रमित तो कर दिया लेकिन संसाधनों की बढ़ोतरी नहीं की गयी. ग्रामीणों का कहना है कि तुरंत संसाधन की व्यवस्था संभव नहीं है लेकिन शिक्षा विभाग को शिक्षकों की कमी को तुरंत दूर करना चाहिये.

इस्माइलपुर के जिलापार्षद ने गांव की समस्या से शिक्षा विभाग के वरीय पदाधिकारियों को अवगत कराया है जबकि गांव की मुखिया किरण देवी, पंचायत समिति सदस्य डब्लू मंडल, सरपंच प्रेरणा देवी, विद्यालय सचिव मोनी देवी, अध्यक्ष उषा देवी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को आवेदन लिख कर तुरंत शिक्षकों की कमी को दूर करने की मांग की है. ग्रामीण कामरेड मनोज कुमार ने कहा कि विद्यालय में ज्यादातर गरीब तबके के छात्र – छात्राएं पढ़ाई करते हैं. विद्यालय में शिक्षकों की कमी के कारण बच्चों का भविष्य बर्बाद हो रहा है. जब शिक्षा के अधिकार हरेक बच्चे का हक है तो जिले के पदाधिकारी क्यों हमारे बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. अगर जल्द से जल्द शिक्षकों की कमी को दूर नहीं किया गया वे लोग चरणबद्ध आंदोलन करने को विवश हो जाएंगे.

कहते हैं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी

प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी नीतीश्वर पांडेय ने कहा कि बहाली के समय शिक्षकों को विद्यालय चयन के लिए तीन विकल्प दिए जाते हैं. उक्त विद्यालय नवगछिया अनुमंडल मुख्यालय से दूर होने के कारण कोई शिक्षक वहां जाना नहीं चाहते हैं. शिक्षकों की कमी को कैसे दूर किया जाय, इसके लिए वरीय पदाधिकारियों से निर्देश लिया जा रहा है. जैसा निर्देश प्राप्त होगा, उसी आधार पर कार्य किया जायेगा.

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